Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 768
________________ जैन-गौरव-स्मृतियाँ . ★श्री सेठ लालचंदजी लूणिया-मद्रास स्थानकवासी अाम्नाय के उपास. श्री सेठ पूनमचन्दजी के पुत्र श्री लोक चन्दजी मिश्रीलालजी, जवतराजजी, एवं फूलचन्दजी हुए । आप चारों बन्धु उदार.... दिल तथा धर्म प्रेमी हैं। श्री मिश्र लाजजी का जन्म सं० १६६० फाल्गुन व.ी का है। आप बड़े ही उत्साही एवं धार्मिक कार्यों में दिलचस्पी रखने वाले सज्जन हैं । श्री. जेंवतराजी के पुत्र का नाम श्री शांतिलालजी है।। . "श्री किशनलालजी रूपचन्दजी एंड को" नाम से नं० २७ गोडाउन स्ट्रीट में कपड़े . का थोक बन्द व्यापार होता है। अहमदाबाद में पांच कुयां के पास "श्रीलालचंदजी मिश्रीलाल" के नाम से कपड़े की फर्म है और शोलापुर में भी फर्म की शाखा है।.. इस प्रकार से आपका उद्योग सुविस्तृत एवं सुव्यवस्थित है। ....... . ★श्री सेठ हजारीमलजो-मद्रास . आपका जन्म सं० १.६६ फाल्गुण TERESENTER मुदि २ सं० १९६८ में आप मद्रास व्यवसाय के निमित्त पधारे । ११ वर्ष तक नौकरी करने के पश्चात्-जे० हजारीमल एन्ड को नामक फम नायनप्पा नायक स्ट्रीट नं० ।। १२६ में स्थापित कर एलेक्ट्रिक सामान का इम्पोर्ट अोर एक्सपोर्ट प्रारम्भ किया। .. .. अपनी व्यापारिक कुशलता एवं दृढ़ अध्यवसाय से फम ने अतिशय उन्नति की। __ जहाँ सेठ हजारीमलजी एक सफल व्यापारी हैं वहां धार्मिक एवं सामाजिक सेवा में भी अग्रसर रहते हैं। आपकी . . प्रकृति बड़ी सौम्य है। आपका परिवार । श्वेताम्बर आम्नाय का मानने वाला और धार्मिक कार्यों में पूर्ण रुपेण भाग लेता है। *श्री सेठ जेंवतराजजी-मांडोत-मद्रास श्वेताम्बर मंदिर आम्नाय के उपासक आहोर (जोधपुर ) से सं १९६५ में आप के पिताजी व्यवसाय के निमित्त मद्रास चले आये। श्री जेंवतराजजी... मिलनसार. उत्साही तथा समाज प्रतिष्ठित सज्जन हैं धार्मिकता एवं कर्म वीरता का .. आप में सुन्दर समन्वय है। आपके चम्पालालजी तथा महेन्द्र कुमारजी नामक दो पुत्र हैं। HAPAN . . ..

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