Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 765
________________ ८.३ ECE RETINCT A PRESEASE अ ARE -मजन गौरव-स्मृतियाँ - पन्नालाल जी एवं प्रतापसिंहनो नामक पांच पुत्र हैं। ८० बाजार रोड़ मेलापुर पर उपरोक्त नाम से आपको फर्म पर लेन देन का व्यवसाय होता है। श्री से 3 लालचंदजी मूथा; गुले नगढ़ आपके पित श्री सिरे नलजी यहां व्यापारार्थ आये। कपड़े का व्यापार शुरू किया । सिरेमलजी के कोई सन्तान नहीं थी, अतः लालचन्दजी गोद लाये गये । आपकी मातु श्री का नाम जेठीबाई है। आपकी फर्म कर्नाटक प्रान्त में सब से अधिक प्रसिद्ध है । आप राय साहब हैं तथा कई वर्ष तक ओनरेरी मजिस्ट्रेट तथा स्थानीय म्यूनीसिपल कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं । आप स्थानकवासी समाज में काफी प्रासद्ध सज्जन हैं ! प्रति वर्ष चातुर्मास में १-२ मास मुनि सेवा करते हैं । सम्बत् १६६७ में आपने जैनाचार्य पूज्य श्री हस्तीमलजी महाराज का चातुर्मास यहां कराया । कर्नाटक प्रान्तीय जैन सेवा-संघ के आप अध्यक्ष है। आपके सुपुत्र का नाम श्री जौहरीलालजी है । आपकी एक : फर्म अहमदनगर में लालचन्द जंवरीलाल के नाम से चलती है। .. . ★नी सेठ शम्भूमलजी चोरड़िया-मद्रास शुभ जन्म सं० १६५-७ । अप के पूर्वज व्यापारार्थ देश से मद्रास आये एवं सं० १६०२ में अपनी फर्म स्थापना की । इस प्रकार आपकी फर्भ सबसे . प्राचीन है। सेठ साहव की धार्मिक लगन शीलता दूसरों पर अपना अच्छा प्रभाव डालती है । आपके माणकचन्दजी एवं मूलचन्दजी नामक दो पुत्र हैं। श्री माणकंचन्दजी के प्रेम चन्दजी, मदनचन्दजी एवं सुरेशचन्दजी नामक तीन पुत्र हैं । आप स्थानकवासी आम्नाय के मानने वाले है। मेसर्स नवलमल शम्भूमल चोरडिया के नाम से १६ बाजार रोड मेलापुर में सोना चांदी । . तथा लेनदेन का व्यापार होता है । एवं एम, एस. . ___ फार्मसी नानक आपका मेडिकल स्टोर भी है। 1 6- 12 . N SAPNA.vasAVRAN

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