Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 737
________________ गौरव जैन-गौरव-स्मृतियां ७७५ ★सेठ हिन्दूमलजी हीरालालजी लूकड़ परभणी - आपका मूल निवास स्थान मेड़ता सिटी है । सेठ हीरालालजी एक बड़े धर्मनिष्ठ सज्जन हुए । आपके ५ पुत्र हुए-सेठ किशनलालजी, सेठ थानमलजी, सेठ पूर्णमल जी, सेठ हेमराजजी, सेठ धनराजी । सेठ किशनलालजी ही परिवार के प्रमुख और फर्म के संचालक हैं । फर्म करीव १०० वर्षों से परभणी में स्थापित है । आप बड़े उदार दिल सज्जन हैं। मंदिर जी आदि धार्मिक कार्यों में समय समय पर बड़ी सहायता प्रदान करते रहते है । आपके शान्तिलालजी व इन्द्रचन्दजी नामक २ पुत्र है। फर्म पर किराना व सोने चांदी तथा चूड़यों का व्यापार होता हैं। ★सेठ कन्हैयालालजी मूथा, परभणी आपका मूल स्थान दांतड़ा (अजमेर, है । सेठ किशनलालजी के पुत्र हुए-सेट कन्हैयालालजी, रतनलालजी, पृनमचन्दजी तथा रतनलालजी । सेट. कन्हैयालालजी एक विचार शील समाज हितैषी सज्जन है। आपके परिवार को रियासत की ओर से 'मूथा' पदवी प्राप्त J 55 niti सेठ कन्हैयालालजी के हीरालालजी : व गुमानचन्दजी नामक २ पुत्र हैं। . ____ किशनलाल कन्हैयालाल' के नाम से मई का व्यापार होता है। wapsaramepmona Haraww ★सेठ मूलचन्दजी घीसूलालजी मूथा. वेलगाम सोजत निवासी श्री सेठ मूल चन्दजी के सुपुत्र श्री धीमूलालजी धर्मनिष्ठ एवं मिलनसार व्यक्ति थे आपके जीवराजजी उगमराजजी वस्तीमलजी तथा शान्ति लालजी नामक चार पुत्र हुए। श्री जीवराजजी 'जीवराज जवरीमल' नामक प्रापना फर्म का सन्चालन कर रहे हैं। छोटे भाई उगमराजजी अहमदाबाद में उगमराज शान्तीलाल फर्म का कारोबार सम्हालते हैं। श्री बस्तिमलजी 'मृलचन्द्र पीलूलाल' - फर्म का सञ्चालन कर रहे हैं और सबसे छोटभाई शान्तिलालजी सोजत में प्रय यन कर रहे हैं।

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