Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 711
________________ जैन-गौरव-स्मृतियां * TOMAMEmmarACE ५ . । HINARkukrail . .. ii i 5ASTRinal '"""fairs .* सेठ सरुपचन्दजी भूरजी बंब कोपरगांव (नगर) सेठ सरूपचन्दजी बंब का जन्म सं० १६२८ में हुआ । व्यवसाय में चतुराई तथा हिमत पूर्वक द्रव्य उपार्जित कर आप ने समाज में अच्छी प्रतिष्टा प्राप्त की। सं० २००२ के ज्येष्ठ शुल्का १२ का व्याप का स्वर्गवास हो गया। ईरालालजी, मन्नालाल.जा मुवरलाली फुलचन्दजी तथा मनसुकललाजी नामक छे पुत्र हैं। आप सब व्यापार में पूर्ण रूप से भाग लेते है। श्री मोतीलालजी के सोभाचन्दजी प्रेमसुखजी नेमीचन्दजी तथा वन्शीलाल जी नामक चार पुत्र है श्रीहीरालालजी के सुवालालजी पोपटलाली मोहन लालजी रमणलालजी तथा सुभाषचन्द्रजी के शांतिलालजी तथा कांतिलालजी नामक 1 3 दो पुत्र हैं । झुबरलालजी के सुगनलाल लालजी तथ मदानलालजी नामक दो पुत्र है । फुलचन्दजी के सुरेशकुमारी तथा रमेशकुमारजी नामक दो पुत्र है। इस परिवार की नगर और नाशीक जिले के सिवाल समाज में यही प्रतिष्टा है । आपके यहां सेठ सरूपचन्दजी भुरजी बंब नामक ने आडन साहकारी तथा कृषि का काम होता है। *माननीय श्री कुन्दनमलजी फिरोदिया, श्रमदनगर श्री कुन्दनमलजी फिरोदिया देश, धर्म तथा समाज के परख हा श्रागवान मेताओं में से एक है। आपका क्षेत्र बहुत ही विशाल रहा ! श्रापका जन्म सन १८८४ नवम्बर १२ को अहमद नगर में हुा । सन् १९१० में पापने वकालात का परीक्षा पास की एवं वकालात के साथ सार्वजनिक सेवा भी करते रहे। सन् १४ व्यक्ति गत सत्याग्रह में जेल पधारे । सन् १८१५ को सत्र नेताओं के साथ आप भी ITE तार कर लिये गये और ५ मई सन् १४ को रिहा हुए। इसके बाद सापने अपना वकालात का पेशा छोड दिया और पूरा समय सार्वजनिक सेवा में नेतना बम्बई प्रान्तीय असेम्बली के ३ वार सदस्य चुने जा नवः । मनाली धारासभा के प्रेसीडेण्ट और पीपार है। आपने स्थानकवासी जैन साधु समाजमीयता काय किया है । वृद्धावस्था होने पर भी उपदेश में भ्रमण कर जन जागनि का

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