Book Title: Jain Dharma me Dhyana ka Aetihasik Vikas Kram
Author(s): Uditprabhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 7
________________ | आशीर्वचन..... जिज्ञासु, शोधार्थी साध्वी डॉ. उदित प्रभा 'उषा' द्वारा प्रणीत 'जैन धर्म में ध्यान का ऐतिहासिक विकास क्रम" उत्कृष्ट शोधग्रन्थ है । इसमें ध्यान की व्याख्या और मूल्यांकन तार्किक ढंग से किया है। यह ग्रन्थ आलोच्य क्षेत्र का मील स्तंभ सिद्ध होगा ऐसा विश्वास है। मैं कामना करता हूँ कि साध्वी जी भविष्य में भी शोध-साधना को जारी रखते हुए नये क्षितिज उद्घाटित करेंगे। ____ - मुनि श्री विनयकुमार 'भीम' मैसुर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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