Book Title: Jain Dharm ke Sampraday Author(s): Suresh Sisodiya Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan View full book textPage 5
________________ प्रकाशन सहयोग प्रस्तुत कृति के प्रकाशन हेतु श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा, कलकत्ता द्वारा संचालित श्री जैन विद्यालय, कलकत्ता ने अपने हीरक जयन्ति वर्ष (1994) के उपलक्ष्य में जो अर्थ सहयोग प्रदान किया है, उसके लिए संस्थान आभारी है। - श्री श्वे० स्था० जैन सभा, कलकत्ता प्रबुद्ध व्यक्तियों का संगठन है। 'शिक्षा, सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में सभा का योगदान न केवल प्रशंसनीय है वरन् अन्यों के लिए अनुकरणीय भी है। सभा द्वारा वर्ष 1934 में किराये के कमरे में श्री जैन विद्यालय का शभारम्भ किया गया। वर्ष 1958 में यह विद्यालय बड़ा बाजार स्थित विद्यालय के नये भवन में आ गया / वर्तमान में इस विद्यालय में लगभग 2300 विद्यार्थी हैं। यहाँ इन्टरमिडियेट तक की शिक्षा दी जाती है। ज्ञातव्य है कि विगत 25 वर्षों से इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है। __सभा द्वारा वर्ष 1992 में हावड़ा में 1 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक नया भवन बनाकर श्री जैन विद्यालय की एक और शाखा प्रारम्भ की गई है। यह विद्यालय कम्प्यूटर सहित सभी आधुनिक उपकरणों से समद्ध है। इस विद्यालय में भी वर्तमान में लगभग 2200 विद्यार्थी हैं। विद्यालय के वर्तमान अध्यक्ष श्री मोहनलाल जो भंसाली एवं मन्त्री श्री सरदारमल जी कांकरिया हैं। . सभा द्वारा विगत तीन वर्षों से श्री जैन बुक बैंक की स्थापना कर निर्धन एवं जरूरतमन्द विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रतिवर्ष सैकड़ों विद्यार्थी इस बुक बैंक से लाभान्वित हो रहे हैं / वर्ष 1994 में ही सभा ने हाबड़ा में एक जैन हॉस्पिटल का निर्माण कराना प्रारम्भ कर दिया है। इस हास्पिटल पर लगभग 4 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। सभा के वर्तमान अध्यक्ष श्री रिखबदासजी भंसाली एवं मन्त्री श्री रिद्धकरणजो बोथरा हैं। हम श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा एवं श्री जैन विद्यालय, कलकत्ता से भविष्य में भी ऐसे हो सहयोग की अपेक्षा करते रहेंगे।Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 258