Book Title: Jain Bharati Author(s): Shadilal Jain Publisher: Adishwar Jain View full book textPage 8
________________ तो पापको मानरेरी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया और पाकिस्तान से आये शरणार्थियो के पुनस्थापन के लिए गठित की गई समिति का सदस्य भी चुना गया। वास्तविकता यह है कि ला० डिप्टीमल जी जैन का प्रत्येक श्वास जन सेवा में गुजरा है। आप निम्न सस्थाप्रो के प्रधान रहे : ____ 1. जैन शिक्षा बोर्ड 2. कार्यकारिणी प्राचीन श्री अग्रवाल दिगम्बर जैन पचायत 3. जैन को-आपरेटिव बैक लिमिटेड 4 पुस्तक चयन समिति, दिल्ली प्रदेश 5. जैन हायर सैकेडरी स्कूल, दरियागज । उपप्रधान : ___1. दिल्ली लायब्ररी एसोसियेशन 2. दिल्ली युनाइटिड चैम्बर आफ ट्रेड एसोसियेशन 3. दिल्ली प्रदेश भगवान महावीर 2500 वीं निर्वाण महोत्सव समिति 4. दिल्ली प्राकृतिक चिकित्सा परिषद् । आप दिल्ली प्रशासन द्वारा नियुक्त कई कमेटियों के भी प्रमुख सदस्य रहे । इस समय आप निम्न सस्थानो के प्रधान है : 1 जैन सभा धर्मार्थ ट्रस्ट (रजि.) माडल टाउन, 2. जैन सभा, माडल टाउन, 3. दिल्ली अहिसा शिक्षक सघ (सस्थापक व सरक्षक) व्यवसाय आपके जीवन-निर्वाह का आधार रहा है। वस्तुतः आपने अपने भिन्न-भिन्न व्यवसायो में भी सत्य, न्याय और नीति का कीर्तिमान स्थापित किया है। आप दिल्ली बिल्डिग मैटीरियल मर्चेन्ट एसोसियेशन के सर्वप्रथम प्रधान चुने गये। अणुव्रत शास्ता आचार्य श्री तुलसी जी, मुनि सुशील कुमार जी, मुनि राकेश कुमार जी आदि महान् सन्तों के निकट सम्पर्क में आकर आपने जैन धर्म व समाज की विशेष सेवा की। आपने सन् 1965-66 में अहिसा शिक्षक संघ दिल्ली की नीव डाली। डा0 डी0 एस0 कोठारी भूतपूर्व चेयरमैन यूनिवर्सिटी ग्राट्स कमीशन इसके सरक्षक बने । शिक्षा क्षेत्र में इस नवोदित सस्था ने महत्वपूर्णPage Navigation
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