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ए॥ ६॥ उठौने बले पेखियो ए। अग्न खौरो बुझिया देखियो ए। किम निमजावु आहार ए। ल्याउं परणो मासु फाड़ ए ॥ ७ ॥ कमर वांधी फरसो माल ए। आयो अरणी पे चाल ए। घणो जो माया तो होय ए। अरणी टुकड़ा किया दोय ए॥८॥ जब निजर न पड़ी भाग ए। अरणी च्यार आठ किया भाग ए। लाए असंख्योता रो ढीग किया ए। तोही अन्न दि. खालो नहीं दिया ए॥६॥ रह्यो फावी फोटो होय । आ किसी विपद पग माय ए। हूं अधन अपून्य अभाग ए। हिवे काढ कियां भाग ए॥ १० ॥ मोनें संप्यो कुण जंजाल ए। फरसी दौनी हेठौ राल ए। योद 'आवे इम बातरा ए। मो ने कांसु कहसौ साथ रा ए ॥ ११॥ रह्यो आरत ध्यान में ध्याय ए । बले नौंचो माथी घाल ए। इतरा में कठियाग आविया ए। भारत रा लखम पाविया ए॥ १२ ॥ तूं भारत ध्यान किम करे ए। वले बिलखो होय बोले तरे ए। थे कारज गया भोलाय ए।मो सुगरज सरी नहीं काय ए॥ १३ ॥ निद्रा कोष्ट या अग्नि तणी ए। सहुवात कही साथ्यां भणी ए। अग्न न निकली लकडी माय ए । ति सुदुःख पड़ियो आय ए ॥१४ तिण कारण ह दिलगीर ए। भाई जाहां दुःख जाहां पौड