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भागति १७६ लड़ोका, ६६ देवता, ८६ युगलिया, ३१ मित्थ्या दृष्टि मे ३७१ / नारकी ७ एवं
गति
५ अनुत्तर का पर्याप्ता अपर्याप्ता टल्या ५५३
आगति सममित्थ्या ] ३६३
समदृष्टि जिम ' दृष्टिमे । गति
तिजे गुणठाणे मरे नहीं
३४
आगति
१७१ लड़ीका, ६६ देवता, ५ नारकी साधु में
२७५ गति १२ देवलोक, ६ लोकान्तिक, प्रेवेयक
७०५ अनुत्तरका पर्याप्ता अपर्याप्ता { आगति
१७१ लड़ीका ६६ देवता, ६ नारकी एवं श्रावक में
गति । १२ देवलोक, ६ लोकान्तिक, पर्याप्ता - ४२ अपर्याप्ता । आगति
मित्थ्याती जिमजाणवो ' पुरुष वेद में
३७१ गति ५६३ आगति
उपरवत् स्त्री वेद में
गति
सातमी नरक में नहीं जाय
सर्प
३.
। ३७१
__ ३७ नपुंसक वेद में
आगति
186 देवता, १७९ लड़ीका, ७ मारकी गति
सर्व इति गतागत सम्पूर्णम् ।