Book Title: Jain Bhajan Sangraha 01
Author(s): Fatehchand Chauthmal Karamchand Bothra Kolkatta
Publisher: Fatehchand Chauthmal Karamchand Bothra
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( १६८ ) ८० ,, बादर अपर्याप्ता विशेषाईया। ८१ ,, सर्व बादर विशेषाईया। ८२ ,, सूक्ष्म वनस्पति अपर्याप्ता असंखात ग णां । ८३ ,, सूक्ष्म अपर्याप्ता विशेषाईया। ८४ ,, सूक्ष्म वनस्पति पर्याप्ता संखशात गुगां । ८५ ,, सूक्ष्म पर्याप्ता विशेषाड्या। ८६ ,, सर्व सूक्ष्म विशेषाईया। ८७ ,, भव्य जीव विशेषाईया। ८८, निगोदिया विशेषाईया। ८६ ,, वनस्पति विशेषाईया। ६० ,, एवीन्द्री विशेषाईया। ६१ ,, तिथंच विश पाईया। ८२ ,, मित्थााती विश पाईया । ६३. ,, अबती विशेषाईया। ६४ ,, सकषाई विश षाईया। ४५ ,, छद्मस्थ विश पाईयो । ६६ ,, सजोगी विशेषाईया। ६७ ,, संसारी जीव विशेषाईया। । ६८ ,, सर्व जीव विशेषाईया।
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