Book Title: Gunvarma Charitra
Author(s): Maganlal Hathishang
Publisher: Maganlal Hathishang
View full book text
________________ XYYYINS P.P.A. Gunratnasuti MS Ke तेनोक्ते कुशले स्वीये, राजाप्याचष्ट तं निजम् // एवं परस्परं वार्तावल्लोपल्लवितनयोः 301 विद्याधरे पोतानु कुशल कह्या पछा गजाए पण पातानुं कुशल तने कयु. ए प्रमाणे परस्पर वातोथा प्रफुलित मुववाला ते बन्ने थया. // 371 // दमापति खेचरः प्रोचे, त्वयि गलस्थिते मया // अनाहतानां वाद्यानां, मातुस्तेऽपुरि दोहदः॥ पछो विद्याधरे सिंहनादने कह्यु के, " तमे गर्नमा हता त वखत तमारो मातानो अखंडात वाद्य संबंधी दोहद में परचो हतो. // 382 // 1 नूपःप्रोचे महाविद्या, यदनाहतवाद्यता // स प्रोवाच मया दत्ता, तुन्यं सा यदि रोचते 3.3 / * ततः पठिता सिासा, तेन दत्ता प्रमोदतः॥ आददे नूतुजा विद्यानवद्याश्चार्यकारिणो Bhim गजाए अनाहत वाद्यता महाविद्या विद्या पूछो एटले विद्याधर कधु के,"जो ते तमने सरेनोन * पीश // 383 // पछो भणेला अने सिद्ध एगो ते विद्या विद्याधरे आपो अने राजाए ते आश्चर्यकारिणी विद्या ग्रहण करो. // 384 // अथागृह्णति नपाले, स्थि यर्थ खेचरो जगौ // मलयागिमिष्यामि,तत्र मे सालिका त्यक्तिप्रवमारुह्य. विमान श्यामया सह // हशारदृश्यता साऽगात, स्वप्र . पछा राजाए रहेवानो बहु आग्रह करयो एटले विद्याधरे कछु के, “हु मल्याचल पर्वत उपर जाकार के. त्या म्हारा सोबतीयो गया छे. // 385 / / आ प्रमाणे कहान श्यामा सहित विपान उपर बेसी ते वि. * द्याधर स्वप्नाना पेठे क्षणमात्रमा अदृश्य थइ गया. / / 206 // ततः परं नरेऽस्यांगणे धर्मनसासमम् // अनाहतानि वाद्यानि, विशेषाञ्च रणांगणे // 387 // *ततो निता नपाःसर्वे, तस्यप्झामेनिरे स्वयम् / तस्मं च ददिरे दममखमद्यतिशालिने 38. पली राजाना आंगणे अन दुमेननी साथे रणांगणमां अनाहत वानींत्री विशेष बागवा लाग्यां.॥३८ पड़ी भय पामेला सर्वे राजाओ सिंहनादनी आज्ञा मानीने अखंड कातिवाला तेने दड आपत्रा लाग्या. // 3n ताः // EX***********************X Jun Gun Aaradhak Trust

Page Navigation
1 ... 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242