Book Title: Gunvarma Charitra
Author(s): Maganlal Hathishang
Publisher: Maganlal Hathishang
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________________ P.PA. Gunratnasuti MS * गौरी नाम्ना प्रिया चासीत्, गौरीवाम्य मनोहरा // शैवधर्मेतयोश्चित्तं, वसतिस्म क्रमागते अन्यदा सुसुवे पुत्रपुत्रीयुग्मं नृपप्रिया // पद्मनामानवत्पुत्रः पुत्री च कमलाख्यया // 30 // ते शंकर राजान गौरीना सरखी गौरी नामनी स्त्रो हती. ते स्त्री पुरुपर्नु चित्त पाताना कुल परंपराए चालता आवेला शिवधर्मने विषे हतुं. // 429 // कांइ वखते गौरीये पुत्रपुत्रीना जोडलांने जन्म आप्यो. तेमां पत्र नुं नाम पद्म पाडयु अने पुत्रीनुं नाम कमला पाडयु. // 430 // तयोर्मासेव्यतिक्रांते, तत्रायातास्तपस्विनः // नं तुं जगाम नूपालः पालयन् स्वकुलकमम॥ तेषां धर्मोपदेशंत, श्रुत्वा वैराग्यकारणम् // मासं जातं सुतं न्यस्य, राज्ये दीदामुपादे॥ ते पुत्र पुत्री एक मासनां थयां, एवामां त्यां कोइ तपस्वी आव्या एटले राजा पोताना कुळक्रमने पाळतो छतो तेमने वंदना करवा गयो. / / 431 // तेओनो वैराग्यकारण उपदेश सांभलो राजाए एक मासना पत्रो राज्यासने बेसारी दीक्षा लोधी. // 432 // बित्राणःस जटान्नारं, नस्मोद्वलितगात्रन्नाक् // नूपो जगाम तैः साकमाश्रमं श्रमवर्जितः // पितर्ग्रहं प्रति प्राज्यपरिवारसमन्विता // मिलनाय तदा राझी, युगलेन सहाचलत // 23 पछी भस्मथी लेपायला शरीरवालो शंकर राजा जटाना भारने धारण करतो छतो श्रम रहित ह . पस्विओनी साथे तेमना आश्रममा गयो. // 433 // पछी उत्तम परिवार सहित राणी पोतानां पत्रपत्रीने साथे लइ पिताना घर प्रत्ये मलवा माटे चाली. // 434 // राज्यनारधृतौ स्तंन्ना, निर्दना मंत्रिणस्तदा // अनुगत्य कियद्राझी, तदिसृष्टा परं ययौ की तस्यामटव्या प्राप्ताया, निल्लघाटो समापतत् // लोकेषु खुंटयमानेषु, प्रणष्टाःसनटाला ते वखते राज्यभारने धारण करवामां स्तंभ सरखा अने सरल एवा मंत्रीयो केटलेक सुधी राणीनी पालन जड़ने पछी राणीये रजा आपवाथी नगरमा आव्या. // 435 // अनुक्रमे राणी अरण्यमां आवो पहोंची र भिन्न लोकनी धाड आदी अने राणीने लुटवा मांडी, जेथो मुभटो पण नासी गया.॥३६॥ EXKXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX Jun Gun Aaradhox Trust

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