Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 4
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 16
________________ १३६०-१३९० (ई० उ०) १३६०-१४४८ (ई० उ०) १३७५–१४५० (ई० उ०) १३७५-१५०० (ई० उ०) १४००-१५०० (ई० उ०) १४००-१४५० (ई० उ०) १४२५-१४५० (ई० उ०) १४२५-१४६० (ई० उ०) १४२५–१४९० (ई० उ०) १४४०-१५०० (ई० उ०) १४९०-१५१५ (ई० उ०) : मदनपाल एवं उसके पुत्र के संरक्षण में मदनपारिजात एवं महार्णवप्रकाश संगृहीत किये गये। : गंगावाक्यावली आदि ग्रन्थों के प्रणेता विद्यापति के जन्म एवं मरण की तिथियाँ । देखिए इण्डियन ऐण्टीक्वेरी (जिन्द १४, पृ० १९०-१९१), जहाँ देवसिंह के पुत्र शिवसिंह द्वारा विद्यापति को प्रदत्त विसपी नामक ग्रामदान के शिलालेख में चार तिथियों का विवरण उपस्थित किया गया है (यथा शक १३२१, संवत् १४५५, ल० स० २८३ एवं सन् ८०७)। : याज्ञवल्क्य की टीका दीपकलिका, प्रायश्चित्तविवेक, दुर्गोत्सवविवेक एवं अन्य ग्रन्थों के लेखक शूलपाणि ।। : विशाल निबन्ध धर्मतत्त्वकलानिधि (श्राद्ध, व्यवहार आदि के प्रकाशों में विभाजित) के लेखक एवं नागमल्ल के पुत्र पृथ्वीचन्द्र । : तन्त्रवार्तिक के टीकाकार सोमेश्वर की न्यायसुधा। : मिसरू मिश्र का विवादचन्द्र। : मदनसिंह देव राजा द्वारा संगृहीत विशाल निबन्ध मदनरत्न । : शुद्धिविवेक, श्राद्धविवेक आदि के लेखक रुद्रधर। : शुद्धिचिन्तामणि. तीर्थचिन्तामणि आदि के रचयिता वाचस्पति। दण्डविवेक, गंगाकृत्यविवेक आदि के रचयिता वर्धमान। : दलपति का नृसिंहप्रसाद, जिसके भाग हैं-श्राद्धसार, तीर्थसार : आदि। : प्रतापरुद्रदेव राजा के संरक्षण में संग्रहीत सरस्वतीविलास। : शुद्धिकौमुदी, श्राद्धक्रियाकौमुदी आदि के प्रणेता गोविन्दानन्द। : प्रयोगरत्न, अन्त्येष्टिपद्धति, त्रिस्थलीसेतु के लेखक नारायण भट्ट । : श्राद्धतत्व, तीर्थतत्व, प्रायश्चित्ततत्त्व आदि के लेखक रघुनन्दन। : टोडरमल के संरक्षण में टोडरानन्द ने कई सौख्यों में शुद्धि, तीर्थ, प्रायश्चित्त, कर्मविपाक एवं अन्य १५ विषयों पर ग्रन्थ लिखे। : अप्पय्य दीक्षित, विधिरसायन आदि अनेक ग्रन्थों के लेखक । : द्वैतनिर्णय या धर्मद्वैतनिर्णय के लेखक शंकर भट । : वैजयन्ती (विष्णुधर्मसूत्र की टीका), श्राद्धकल्पलता, शुद्धिचन्द्रिका एवं दत्तकमीमांसा के लेखक नन्द पण्डित। : निर्णयसिन्धु शूद्रकमलाकर आदि २० ग्रन्थों के लेखक कमलाकर भट्ट । : खण्डदेव, मीमांसक, भाट्टदीपिका आदि के लेखक। : मित्र मिश्र का वीरमित्रोदय, जिसके भाग हैं तीर्थप्रकाश, प्रायश्चित्तप्रकाश, श्राद्धप्रकाश आदि। : प्रायश्चित्त, शुद्धि, श्राद्ध आदि पर १२ मयूखों (यथा-नीतिमयूख, व्यवहारमयूख आदि) में रचित भगवन्तभास्कर के लेखक नीलकण्ठ। १५००-१५२५ (ई० उ०) १५००-१५४० (ई० उ०) १५१३-१५८० (ई० उ०) १५२०-१५७५ (ई० उ०) १५२०-१५८९ (ई० उ०) १५५४-१६२६ (ई० उ०) १५६०-१६२० (ई० उ०) १५९०-१६३० (ई० उ०) १६१०-१६४० (ई० उ०) १६००-१६६५ (ई० उ०) १६१०-१६४० (ई० उ०) १६१५-१६४५ (ई० उ०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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