Book Title: Dharmottar Pradip Author(s): Dalsukh Malvania Publisher: Kashiprasad Jayswal Anushilan Samstha View full book textPage 9
________________ Abbreviations. तत्त्वसं० तत्वसंग्रहः (G. O. S. No. 30, 1926) तत्त्वसं० पं० तत्त्वसंग्रहपञ्जिका ( , ) तात्पर्य न्यायबिन्दुटीकाया अनुटीका तात्पर्यनिबन्धनम् अप्रकाशितं मुनिश्रीपुण्य . विजयसत्कम् / न्याय० टि० न्यायबिन्दुटीकाटिप्पणी (Bibliotbeca Buddhica Petrograd, ____Vol. XI) न्याय० ता० न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका (Virianagaram Sanskrit Series, No. . 15, 1898) न्यायप्र० न्यायप्रवेश (G. O. S. No 38, 1930) न्यायमं० . न्यायमञ्जरी (Virianagaram Sanskrit Series No. 10, 1895) न्याया० न्यायावतारः (न्यायावतारवातिकवृत्त्यन्तर्गतः) (सिंघी जैन ग्रन्थमाला __ नं० 20, 1949) न्याय० भा० न्यायभाष्मम् न्याय० म. टि. न्यायबिन्दुटीकाटिप्पणी मल्लवादिकृता अप्रकाशिता मुनिश्रीपुण्यविजय सत्का / न्यायवा० न्यायवार्तिकम् (चौखम्बा संस्कृत सीरीज, 1916) पाणिनि पाणिनिकृताष्टाध्यायी प्रमाणमी० प्रमाणमीमांसा (सिंघी जैन ग्रन्थमाला नं० 9, 1939) प्रमाणवा० प्रमाणवार्तिकम् आचार्यमनोरथनन्दिकृतवृत्तिसहितम् / ... (J. B. O. R. S. 1937) . प्रमाणवि० प्रमाणविनिश्चयः (अप्रकाशितः) प्रमाणवि० टी० प्रमाणविनिश्चयटीका (अप्रकाशिता) प्रमेयक० प्रमेयकमलमार्तण्ड: (निर्णयसागर प्रेस, 1941) प्र० स्वो० प्रमाणवार्तिकस्वोपज्ञटीका (किताब महल, इलाहाबाद, 1943) मनो० मनोरथनन्दिकृता प्रमाणवार्तिकटीका (J. B. O. R.S. 1937) महा० वन० महाभारत वनपर्व वादन्याय (महाबोधि सोसायटी, बनारस, 1936) वै० सू० वैशेषिक सूत्र व्या० महा० व्याकरणमहाभाष्यम् श्लोकवा० श्लोकवार्तिकं कुमारिलकृतम् (Madras University, 1940) सिद्धिबि० सिद्धिविनिश्चयः (अप्रकाशितः पं० सूखलालजीसंघवीसत्कः) हेतु० हेतुबिन्दुः (G. O. S. No. 113, 1949)Page Navigation
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