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तथाता में है क्रांति
है हुसूले-आरजू का राज तर्के-आरजू
मैंने दुनिया छोड़ दी तो मिल गई दुनिया मुझे जीवन में सफलता का राज, आकांक्षा की सफलता का राज यही है, कि आकांक्षा छोड़ दी।
है हुसूले-आरजू का राज तर्के-आरजू ____ मैंने दुनिया छोड़ दी तो मिल गई दुनिया मुझे
तुमने अगर अक्रोध को पाने की दौड़ छोड़ दी, तुम क्रोध को स्वीकार कर लिए-था, करोगे क्या, छिपाओगे कहां? किससे छिपाना है? छिपाकर ले जाओगे कहां? अपने ही भीतर और समा जाएगा, और जड़ें गहरी हो जाएंगी। हिंसक थे, हिंसा स्वीकार कर ली! और तुम अचानक हैरान होओगेः हिंसा गई और अहिंसा उपलब्ध हो गई।
जिसको भी पाने की तुम दौड़ करोगे वही न मिलेगा। अहिंसक होना चाहोगे, अहिंसक न हो पाओगे। शांत होना चाहोगे, शांत न हो पाओगे। संन्यासी होना चाहोगे, संन्यासी न हो पाओगे। जो होना है, वह चाह से नहीं होता। चाह से चीजें दूर हटती जाती हैं। चाह बाधा है। तुम जो हो बस उसी के साथ राजी हो जाओ, तुम तथ्य से जरा भी न हटो, तुम भविष्य में जाओ ही मत, तुम वर्तमान को स्वीकार कर लो-मैंने दुनिया छोड़ दी तो मिल गई दुनिया मुझे।
__ भागती फिरती थी दुनिया जब तलब करते थे हम .. जब हमें नफरत हुई वह बेकरार आने को है
तुम जिसके पीछे जाओगे, तुम्हारे पीछे जाने से ही तुम उसे अपने पीछे नहीं आने देते। तुम पीछे जाना बंद करो, तुम खड़े हो जाओ। और जो तुमने चाहा था, जो तुमने मांगा था, वह बरस जाएगा। लेकिन वह बरसता तभी है जब तुम्हारे भीतर भिखारी का पात्र नहीं रह जाता। मांगने वाले का पात्र नहीं रह जाता। जब तुम सम्राट की तरह खड़े होते हो। इसको ही मैं मालिक होना कहता हूं। तुम जो भी हो, वही होकर तुम मालिक हो सकते हो। तुमने कुछ और होना चाहा तो तुम कैसे मालिक हो सकते हो? तब तो मांग रहेगी और तुम भिखारी रहोगे।। ___ आज, अभी, इसी क्षण तुम मालिक हो सकते हो। मांग छोड़ते ही आदमी मालिक हो जाता है। और थोड़े ही मालिक होने का कोई उपाय है! तुम अगर मुझसे पूछो, कैसे? फिर तुम चूके। क्योंकि तुमने फिर मांग के लिए रास्ता बनाया। तुमने कहा कि ठीक कहते हैं, मालिक तो मैं भी होना चाहता हूं। ___मैं तुमसे कहता हूं, तुम हो सकते हो इसी क्षण। तुम हो, आंखभर खोलने की बात है। तुम कहते हो कि होना तो मैं भी चाहता हूं। जो तथ्य है, तुम उसे चाह बनाते हो। चाह बनाकर तुम तथ्य को दूर हटाते हो। फिर तथ्य जितना दूर हटता जाता है, उतनी तुम ज्यादा चाह करते हो। जितनी ज्यादा तुम चाह करते हो, उतना तथ्य और
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