Book Title: Chhandonushasan
Author(s): Hemchandracharya, H C Bhayani
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 12
________________ 115 115 115 116 116 116 116 117 117 118 118 118 118 125 125 125 126 126 126 126 127 127 128 उपगरुडपद हरिणीकुल गीतिसम भ्रमररुत हरिणीपद कमलाकर कुंकुमतिलकावली रत्नकंठिका शिखा छड्डिणिका स्कंधकसम मौक्तिकदाम नवकदलीपत्र स्कंधकसमा, मोक्तिकदाम्नी, नवकदलीपत्रा आयामक कांचीदाम रसनादाम चूडामणि उपायामक, उपकांचीदाम, उपरसनादाम, उपचूडामणि स्वप्नक भुजंगविक्रान्त ताराध्रुवक नवरंगक स्थविरासनक सुभग पवनध्रुवक कुमुद भाराक्रान्त सिंहविक्रान्त कुकुमकेसर बालभुजंगमललित उपगंधर्व संगीत उपगीत गोंदल रथ्यावर्णक अभिनव चपल अमृत सिंहपद दीर्घक कलकंठीरुत अतिदीर्घ मत्तमातंगविजूंभित मालाध्रुवक ध्रुवा तथा द्विपदी लघुद्विपदी विजया रेवका गणद्विपदी स्वरद्विपदी अप्सरा वसुद्विपदी करिमकरभुजा लवली अमरपुरसुंदरी कांचनलेखा चारु पुष्पमाला अन्य द्विपदीओ गाथा 128 128 129 129 130 130 131 131 119 119 120 120 120 120 121 121 121 122 122 122 123 123 123 124 124 124 131 131 132 132 132 132 132 133 133 134 134 134 134 135 कंदोट्ट भ्रमद्भुत सुरक्रीडित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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