Book Title: Bhrun Hatya Maha Paap Bachao Bachao
Author(s): Rashmiratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 14
________________ कर दिया ! शील सदाचार और धर्माचारों का नामोनिशान मिटा दिया । पूर्वजों की युग युग से संरक्षित संस्कारों की अमूल्य निधि का दिवाला निकाल दिया । हाय ! माँ संस्कृति !! तेरी यह दुर्दशा... ? 1 - अरे ! जिस देश में घर घर के प्रांगणों में कबूतरों को दाना डाला जाता था, उसी देश में घर घर मुर्गी के अंडे खानपान में आने लगे हैं । जिस देश में चींटीओ के दर पर शक्कर और आटा डाला जाता था उसी देश में चींटी - मकोडों की चटनी बनाकर खाना सीखते जा रहे हैं। जिस धरती पर जहरीले नागों को देवता मानकर पूजते थे, वहीं आज के कॉलेजियन युवक सांप का सूप ( Snake soup) पीने लगे है । सांप की चमड़ी के पट्टे (Belt) और पर्स बड़े ही शौक से रखने लगे हैं । जिस देश के सुपुत्र अपने माँ- बापों को कंधो पर उठाकर चलते थे, उसी देश के सपूत (?) अपने माँ-बापों को आज वृद्धाश्रमों में निराधार छोड़ कर अपनी कृतघ्नता का उत्कृष्ट परिचय दे रहे हैं । जिस देश की सन्नारियाँ प्रसव पीड़ित कुत्तियों को भी घी का हलुआ बनाकर खिलाती थी उसी आर्यावर्त की स्त्रियां एबोर्शन - सेण्टर में जाकर अपने ही बच्चों को पेट में मरवा कर, निर्दयता का प्रदर्शन कर ढीठ बनी हुई है । - सोनोग्राफी : स्त्री हत्या का भयंकर षड़यंत्र सोनोग्राफी द्वारा पता चलता है कि पेट में बच्ची है, तो अधिकांश परिवार उस बच्ची को गर्भ में ही समाप्त करवा देते । यह सौ फीसदी सच है । सोनोग्राफी की दो प्रमुख पद्धतियाँ भारत में प्रचलित है । एम्नीओसिन्टेसीस - कॉरियोनीक वीली बायोप्सी एम्नीओसिन्टेसीस - १६ से २० सप्ताह के बीच नीडल के द्वारा १५ शीशी एम्नीओटी प्रवाही लिया जाता है, फिर टेस्ट किया जाता है । कॉरियोनीक वीली बायोप्सी - गर्भाधान के ६ से १३ सप्ताह के बीच गर्भ के आसपास के कॉरीयन टीसु का थाड़ा भाग लेकर टेस्ट किया जाता है । इन टेस्टों से माता को कई जोखिम उठाने पड़ते हैं... सांस की तकलीफ... नितंब सरकना... गर्भद्वार में चेप के भयंकर रोग आदि... स्त्री जाति की हत्या के लिये जन्मे इस सोनोग्राफी भूत का विनाश जरूरी है.... इन टेस्टों पर प्रतिबंध लगवाना जरूरी है... महाराष्ट्र - गुजरातादि तथा विदेश में कई जगह बचाओ ... बचाओ... !! Jain Education International For Personal & Private Use Only 13 www.jainelibrary.org

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