Book Title: Bhrun Hatya Maha Paap Bachao Bachao
Author(s): Rashmiratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 34
________________ गया... आँखे डबडबा आई... कलेजा मुंह को आ गया । आपका अंतर्मन वेदना... और असह्य व्यथा से चीख उठा... हाय ! हाय ! यह कैसा खूनखराबा !!! अंधेरे गर्भाशय में उल्टे लटकते बेचारे अकेले निःसहाय बालक का कैसा खतरनाक खून ! शत्रु भी न करें ऐसी निर्मम हत्या ! उफ्...! देखिये... यदि सचमुच आपका अंतर्मन पश्चाताप की सुरसरिता में आकण्ठ डूबा है तो आज से ही आप संकल्प करें - 'गर्भ हत्या के इस भीषण पाप की अब जीवन में कभी परछाई तक नहीं पड़ने देंगे। मन में कभी ऐसे पापी विचार को उत्पन्न भी न होने देंगे और ऐसे पाप करने को किसी को कदापि मजबूर नहीं करेंगे...!! गर्भपात संबन्धी भ्रान्तियाँ कुछ भ्रातियाँ तो अज्ञानवश फैली हुई है और कुछ भ्राँतियाँ तो जानबूझ कर भोली महिलायें एवं भोली जनता को गुमराह करने के लिये फैलाई जा रही है जिससे इस अहिंसक संस्कृति की कत्ले आम हो रही है और हिंसा की प्रतिष्ठा हो रही हैं पूजा हो रही है... अहिंसा की देवी सिसक-सिसक कर रो रही है... नहीं नहीं भारत माँ के सपूतों ! माँ अहिंसा के पूजारियों ! प्रण करो... शपथ करो माँ अहिंसा को अब रोना नहीं पड़ेगा... अब तो सभी के दिल में, दिल्ली में और दुनिया के तख्ते पर माँ अहिंसा की ही प्रतिष्ठा होगी... यही हमारा प्रयास रहेगा.... ___“प्रारंभिक गर्भावस्था में कुछ भी नहीं होता... वह तो सिर्फ पानी है... निकलवा दो कोई पाप नहीं... जैसे हम थूकते हैं... पेशाब करते हैं... मल विसर्जित करते हैं... ठीक वैसे ही” यह भ्रान्ति आम जनता के मानस में जबरन घुसाई गई है... नाजी सेना का प्रचार मंत्री गोबल्स का सिद्धान्त था एक झूठ सौ बार रीपिट किया जाय, सच हो जायेगा... उपरोक्त भ्रान्ति झूठ है... बिल्कुल सफेद झूठ है मगर उसे बार-बार रीपिट किया जा रहा है... हर जगह रीपिट किया जा रहा है अत: उसे सत्य का जामा मिल गया है... उसे बेनकाब करने के लिये "गर्भपात मातृत्व की हत्या" में दी गई निम्न बातें बचाओ... बचाओ...!! 33 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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