Book Title: Bharat ki Khoj
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

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Page 3
________________ भारत की खोज र का, लेकिन हमारे विचार जीवन के यथार्थ को छूने वाले नहीं हैं और हम निरंत र उन लोगों से यह पूछते हैं समाधान, जो समस्याओं को ही इंकार करते हैं। मैंने सुना है न्यूर्याक में एक घुड़दौड़, एक रेस हो रही थी। पांच मित्र संयुक्त रूप से उस घुड़दौड़ में दौड़ लगाने के लिए गए हुए थे । उन पांचों मित्रों ने बैठ कर तय कि या की किस घोड़े पर दांव लगाया जाए । गागरीन नाम के घोड़े पर दांव लगाना है यह उन्होंने तय किया और अपने एक साथी को, वरमन नाम के एक युवक को क हा कि, 'वह जाकर चारों पांचों की तरफ से दांव लगा आए । वह युवक गया, वह दांव लगा कर वापिस लौटा लेकिन उसने कहा कि मैं दांव तो गागरीन नाम के घोड़े पर लगाने गया लेकिन वहां मुझे एक आदमी मिल गया वनसटीन और उसने कहा 'पागल हुए हो गागरीन आने वाला ही नहीं है । तू विक्टोरिया नाम की घोड़ी पर दां व लगा दें', तो मैं विक्टोरिया नाम की घोड़ी पर दांव लगा आया हूं। थोड़ी देर में पता चला की गागरीन आ गया नंबर एक और विक्टोरिया नाम की घोड़ी का कोई पता नहीं चला। पांचों मित्रों ने सिर ठोक लिए। फिर उन्होंने दूसरे दांव पर तय किया । अपोलो नाम के घोड़े पर लगाने के लिए फिर भेजा मित्र को, वह वापिस लौटा और उसने कहा, 'मैं गया वनसटीन फिर मुझे दर वाजे पर मिल गया आफिस के और उसने कहा 'पागल हो गए हो अपोलो कभी आ या ही नहीं कभी आ भी नहीं सकता। ज्योतिषियों का कहना है कि जेड नाम का घो. डा आने वाला है तुम उस पर दांव लगा दो' मैं जेड पर ही दांव लगा आया हूं। थो डी देर बाद खबर आई अपोलो नंबर एक आ गया है, जेड का काई पता नहीं । पांचों मित्रों ने सिर पीट लिए फिर उन्होंने तीसरी बार दांव लगाने उसी मित्र को भे जा उसने लौटकर फिर आकर बताया की वनसटीन मिल गया था और उसने यह ब ताया है की यह घोड़ा तो आने वाला नहीं मैं दूसरे घोड़े पर लगा आया हूं। ऐसे चा र दांव वह हार गए उनके सारे पैसे खत्म हो गए और चारों बार उन्होंने जिस घोड़े को सोचा था वह घोड़ा आया लेकिन उस पर तो दांव नहीं लगाया गया था। फिर उन पांचों के पास इतने ही पैसे बचे थे की उन्होंने कहा अब तो अच्छा यही है की जाकर तुम कुछ काजू खरीद लाओ। अब हम काजू खा लें और घर चल पड़ें। उस मित्र को भेजा और वहां से वह मूंगफली खरीद कर वापिस लौटा तो उन्होंने कहा मूंगफली खरीद लाया। उसने कहा वनसटीन मेट एगेन, वह वनसटीन फिर मिल गया उसने कहा ‘काजू, पागल हो गए हो, काजू खाने से आदमी बीमार पड़ जाता है और मूंगफली वह सभी चीजें हैं जो काजू में होती हैं मूंगफली सस्ती मिलती है', तो मैं मूंगफली खरीद लाया। लेकिन एक बड़े मजे की बात है पांचों बार उसे एक ही अ आदमी मिल गया और पांचों बार वह उसी की बात मानता गया और हर बार हारता चला गया और फिर उसी की बात मानता चला गया और फिर हारता चला गया। Page 3 of 150 http://www.oshoworld.com

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