Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 7
________________ ४ प्रकाशक के दो शब्द पं० परमानन्दजीने सूचनानुसार उसके लिये वे धन्यवादके पात्र हैं। यहाँ बाबू पन्नालालजी जैन अमत्राल देहली और पं० रूपचन्दजी जैन, गार्गीय पानीपत को धन्यवाद दिये बिना भी मैं नहीं रह सकता, जिन की कृपा से इस 'नाममाला' की दो प्रतियां प्राप्त हुई है और जिसके फलस्वरूप ही यह ग्रन्थ प्रकाश में आरहा है। जो परिश्रम किया है इस ग्रंथ के साथ में जिस प्रकीर्णक पुस्तक मालाका प्रारम्भ हो रहा है, उसमें ऐसी ही उपयागी छोटी छोटी पुस्तकें प्रकाशित हुआ करेंगी। आशा है जनता इस पुस्तकमालाको ज़रूर अपनाएगी । | अधिष्ठाता 'वीर सेवामन्दिर'

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