Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 50
________________ हिन्दी शब्दकोष 33°नारिपुरुष दंपति मिथुन, 33 द्वंद जुगम जुग जान । उभय जुगल जम जमल दुबि,लोचनसंग्य बखान१६५ 33'तीन लोक गुन सिवनयन,36°च उ जुग वेद उपाय । ३४१पंचवान इंद्रिय सबद, 3 षट रितु रस अलिपाय १६६ 38 सात द्वीप मुनि हय विसन, ३४४ आठ धात गिरि सार। 3४"नव ग्रह रस तह 3 ४६सून्य नभ, अनुक्रम अंक विचार । 3४°ध्रव अडोल थावर सुथिर, निश्चल अविचल जान । 3४८दीरघायु चिरायु तह, चिरंजीव सुबखान ॥१६॥ ( उपसंहार और प्रशस्ति ) होय जहाँ कछ हीन, छंद सबद अक्षर प्ररथ । ' गुनगाहक परवीन, लेहु विचारि सँवारि तह ।।१६९।। ३३७ स्त्री-पुरुषसंयोगनाम ३३८ युग ( जोड़े के ) नाम ३३६ तीनके नाम ३४० चारके नाम ३४१ पाँचके नाम ३४२ छहके नाम ३४३ सातके नाम ३४४ आठके नाम ३४५ नौके नाम ३४६ शून्यके नाम ३४७ स्थिरनाम ३४८ चिरंजीवनाम ।

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