Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 53
________________ सबद १०८ ११९ १३६ १३७ सखित्त सुमित्त भ्राबिजानि भातृजानि बंधु सहोदर जात वीर सहोदर भ्रात वीरसु-बंधव भ्रात बंधु सु-बंधव जात चारुचर चार चर उपधन अपघन सवद चंदनजावक वंदन जावक सुलील सु-शील गोमुख गोपुर अंकुल अंकुश सिरबंधन सिर वंदन पान पानि कंचुकि कंचुक हरिधिप द्वीपी मातंगधिप मातंग द्विप सारन सारंग सिव चाष सु १३८ १४२ १५१ १५२ १५४ १५५ चारवसु

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