Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 100
________________ विष्ठा विष्ठा बिस (श) द वि (व्य) सन विसारि (री) चिसा (शा) ल विस्तर विस्तीरन (र्ण) विहंगम विहाइत (पित) विहाय बिहार वीतराग वीर वृकोदर वृथा वृद्ध वृष ९९ ६४ |वृषजा ( या ) म ७,११६ | वृषभ १६७ | वृषभकेतु ५६ | वृंद ६७ वेग १४६ | वेगगामुक १४६ | वेद १५६ वेदना वेधा ६ वेनि (वेणी) १५६ वेलि (दिल) ५ | वेसरि [३०] वैकुंठ ११५ ८२, १०२, १४४ वैजयंति (ती) १६ १२५ | वैडूरज (र्य) ६२ | वैरि (बी) १५५ | वैश्रवन (ण) वैश्रवन २३ १५५ २३ १६४ १२१ १५३ १६६ ७३ ११ १०० १५० १०६ ७ १४० ५८ ८० ३१

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