Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir
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सारंग
१०४
सिंधुर
११६
सारंग६०,१५४,१५८,१६२ । सि(=शि)तिकंठ सारंगधर (शार्ङ्गधर) १६ सि(शिथिल सारव(व)भौम ३८ सिद्धत(सिद्धान्त) सारव(6) भौमनृप १३३ सिर (शिर) सा(शार्दूल ११ सिरछत्र (शिरश्छत्र) १३२ साल (शाला) १०१ सि(शिरोधर ६५ साल (शाल) १६३ सि(शि)रोरतन(रत्न) १३२ सा(शा)वक ८२ सि(शि)लीमुख १४१ १५८
१०० सिव (शिव)७,१४,२३,१२० सिखरि (शिखरी) १५५ सिव-तिय (स्त्री) ६३ सिखरीस (शिखरीश) २२ सि(शि)वनयन १६६ सिखंडि (शिखंडी) १६० | सिवा(शिवा) सिखि (शिखी) ४७ सिसिर (शिशिर) सि(शि)खिवाहन २५ सिंगार (शृङ्गार) सिखी (शिखी) १६० सिन्दूर सितनंभोज ५४
५१ सितवान (सितवर्ण) ७ } सिंधुर १५२
द
१३८
सिंधु

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