Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 97
________________ वज ९६ घज वसु बमधर बदन वधू वन वनपाल वनमाली पनि(णि)क वनिता | वलिमुख वल्लभ वाली ७५ वसंत ५२,१४७ १२७ | वसुदेवसुत १२ वसुमत्ति(ती) ६२ वसुधरा | वसीकरन (वशीकरण) १११ ६६ वंक १३७ बंदन (=सिंदूर) १०८,१३८ ८६ वंस(श) ८६ वाकवादनी (वाग्वादिनी) वाजि(जी) १५३ १५३ वाटिक(का) १५० वात १३८ । वाम(ण) १४१,१६६ वयु वर वरग(वर्ग) वस्ट वरदानि(नी) वराह वरुन(ण) बलय ३६ ४८

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