Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 72
________________ छुपा छपा (सपा) छ (त) पाकर छमा (क्षमा) छल ग्राम (शाम) छायाकरन (ण) छार (क्षार) छाल छांह (छाया) छिनि (क्षिति) छीन (क्षीण) छीर (तीर) छु (तु) धित छु (इ) द्रघंटिका छेम (क्षेम) छोणी (लोणी) ७१ ५० ४१ ६५. ११२ ४४ १३१ जगदीपक १०६ | जगदीस (श) १२६ जघन ११६ | जटाजूट ६५ जठर ११८ १२६ ४४ ६५ जक्रख (यक्ष ) जग (जगत् ) जगत (न) विलोचन जगत्ति (जगनी) जड जती ( यति) जन जनक १३६ | जननी १२० जनपद जम (यम) 15 ज जम ३५ ६६ ४० ६५ Y ६,१२ १०० २२ ६८ ८७, १४८ ८३ ७४,६१ ८ १ ८ १ ६६ ४६, १६५

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