Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 27
________________ वनारसी नाममाला "बल्बन दामन भयकरन, घोर तिगम विकराल ।।४।। ५3दिवा दिवस वासर सुदिन, "'रजनी निसा त्रिजाम । जामिनि छपा विभावरी, तमी तामी नाम ||२०|| ""सिंधु समुद सरिताधिपति, अंबुधि पारावार । अकूपार सागर उदधि, जलनिधि रतनागार ॥५१।। ५६ सलिल उदक जीवन भुवन, अंबु वारि विष नीर । अमृत पाथ वन ताय पय, अंभ आप जल क्षार ॥५२।। ५ अवलि तरंग कलाल विचि, भंग ''पालि जलबांद । अघि सोम उपकंठ तट, कूल गंध मरजाद ॥५३।। "कमल तामरस काकनद, पंकज पदम सरांज । कंज न लन अरविंद सित, पंडरीक अंभाज ||५४॥ ६°इंदीवर नीलातपल, पुहुकर नाल मृनाल । ५२ भयानकनाम ५३ दिवसनाम ५४ रात्रिनाभ ५५ समुद्रनाम ५६ जलनाम ५७ तरंगनाम ५८ तटनाम ५६ कमलनाम ६०नोलकमलनाम ६मृणाल(कमलनाल)नाम।

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