Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 29
________________ बनारसी-नाममाला सुरा संख पीयूषरस, ऐरावत-गज सार । सिंधु-मथन करि प्रगट किय, चौदह रतन उदार।।६।। ७"वनिक सेठ गाडा(था)धिपति, व्यवहागे धनवान । "नाव पोत प्रोहन तरन, वोहित वाहन जान ॥६२।। ७६ देवसरित मंदाकिनी, गगनवाहिनी गंग। ७७त्रिपथगमनि भागीरथी, सिवतिय धवलतरंग ॥६३।। ७“सरिता धुनी तरंगिनी, नदी आपगा नाम । ७ कालिंदी रविनंदनी, जमुना हरिविश्राम ॥६४।। भूमि रसा छिति मेदिनी, छोणी छमा जगत्ति । अवनि अनंता कभिनी, गोधरनी वसुमत्ति ॥६।। अचला इला वसंधग, धरा मही घर संस। 'भुवन लोक संसार जग, जनपद विषय सुदेस ॥६६।। ७५ व्यापारी तथा जहाजके नाम ७६ श्राकाशगंगानाभ ७७ भूमिगंगानाम ७८ सामान्यनदीनाम ७६ यमुनानदीनाम ८० पृथ्वीनाम ८१ लोकनाम ८२ देशनाम ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112