Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 47
________________ बनारसी-नाममाला १९७रंभ मोच केला कदलि, २९८मालकार वनपाल ॥१४९ २९९घल्लो वेलि व्रतति लता,३०°वाटिक कुसुम अगम | ६ ० 'सुरभि सुगंध सुवासना, ०२माल हार मज दाम ॥१५० 3 ० १कंठोरव कंजरदमन, हरि हरिधिप मृगसूल । बली पंचमुम्ब कसरी, सग्भ सिंह सादुल ॥१५१।। 3 ०४गज करेनु मातंगधिप, करि वारन मुंडाल । सिंधुर दंती नाग इभ, कलभ मतंगजबाला॥१५॥ 3 ०"अश्व वाजि घोटक तुग्ग, हरि तुरंग हय वाह । 3०६ ऊँट वंगगामुक करभ, ३० "सूकर क्रोड वराह ।।१५३।। 3 ०८ बानर वलिमुख विपनचर, साखामृग कपि कीस । ३ ० 'माग्न हग्नि कुरंग मृग, अजिनजोनि एनीस ॥१५४॥ २६७केलानाम २६८मालीनाम २६६लनानाम ३००फुलवारीनाम ३०१ सुगंधनाम ३०२ मालानाम ३०३ सिंहनाम ३०४ हाथी और हाथीके बच्चे के नाम ३०५ अश्वनाम ३०६ऊँटनाम३०७शूकरनाम ३०८बन्दरनाभ ३०६मृगनाम ।

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