Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir
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बनारसी-नाममाला
१३७मन मानस अंतःकरन, हृदय चेत चित जानि । १३“जीव हंस चेतन अलख, जंतु भूत जन प्रानि ॥९११. 13९वृद्ध पलिततनु विग्नर, १४ जुवजन तरुन रसाल | १४१ सावक दारक पाक प्रथु, डिंभ पोत सिसु बाल।।९।। १४२काय कलवर संहनन, मूरति उपधन गात ।
विग्रह देह सरीर वपु, पंचभूतसंजात ।।१३।। १४३धिररकत सोणित छतज,१४४पिसित तरम पल मांस १४५विष्टा गूथ पुरीष मल, १४६बीज रेत बल अंस ॥९४|| १४७मीस मंड उनमंगसिर, १४“अलिक ललाट सुभाल । १४९कंठ सिगेधर प्रीव गल,१" "चिकुर केस का बाल ९५
१३७ मननाम १३८ जीवनाम १३६ वृद्धपुरुषनाम १४० युवानाम १४१ बालकनाम १४२ शरीरनाम १४३ रुधिरनाम १४४ मांसनाम १४५ मलनाम १४६ वीर्यनाम १४७ शिरनाम १४८ मस्तकनाम १४६ कंठनाम १५० बालनाम ।

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