Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

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Page 31
________________ बनारसी-नाममाला ९७बंध फंध शृंग्वल निगड, जंन पास संदान ॥७२।। ५८ कलिल कलुष दहकृत दुरित, एन अंध अघ पापी ९. "पीड़ा बाधा वेदमा, विथा दुःख संताप ॥७३।। १० मानुष मानव मनुज जन, पुरुष नृ गाध पुमान । १०१ विभु नेता पनि अधिप इन, नाथ ईम ईमान ||७४|| ५०प्रमदा ललना नायका, जुरति अङ्गना वाम । जांपा जाषित मुंदरी, वधू भामिनी भाम ||५|| महिला ग्मनी कामनी, बागलोचना बाम । निना नारि नितंबिनी, बाला अबला नाम ॥७६।। 10 जाया घनि कलत्र त्रिय, भार्या पननी दार । ६७ बंधननाम ६८ पापनाम । *नाटक ममयमारमं इम नामका निम्नपा पाया जाना है:पाप अधोमग्न एन अघ, कंपरोग दुग्यधाम । कलिल कलुम किल्बिम दुरित, अशुभ करम के नाम ।। ४१ ।। ६६ वेदनानाम १०० मनुष्यनाम १०५ म्वामिनाम १०२ श्रीनाम १०३ विवाहिताश्रीनाम |

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