Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 20
________________ हिन्दी शब्दकोष १९ वाकवादनी सारदा, मनिविकामनी जानि ॥८॥ "सुरंग सुगलय नाक दिव, देवलोक सुग्घाम । "पुहकर गगन विहाय नभ, अंतरीक्ष प्राकाम ।।९।। विदस विबुध पावकवदन, अमर अजर असुगार। आदितंय सुर देवता, सुमनस अंबरचारि ॥१०॥ 'प्रजानाथ बंधा हिन, कमलामन लाकस । धात विधाता चतुर्मग्व, विधि विरंचि देवेम ।।११। १ नागयन वसुदेवसुत, दामोदर गोपीम। अचुन त्रिविक्रम चतुर्भज, वनमाली जगदीम ॥१२॥ मधुरिपु बलिम्पुि वानरिपु, दानवदलन मुर्गार । कमविधंसन पीनपट, कैटभारि नरकारि ॥ १३ ॥ ६ देवलोकनाम ७ ग्राकाशनाम | * नाटक ममयमाग्में इम नामका निम्न पद्य पाया जाता है: ग्वं विहाय अंबर गगन, अंतरिच्छ जगधाम । व्योम नियन नभ मेघपथ, ये अकामके नाम ॥३८॥ ८ देवनाम : ब्रह्मानाम १. विष्णु ( कृष्ण ) नाम । - -- - - - -- - -

Loading...

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112