Book Title: Banarsi Nammala
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir
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हिन्दी शब्दकोष
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वाकवादनी सारदा, मनिविकामनी जानि ॥८॥ "सुरंग सुगलय नाक दिव, देवलोक सुग्घाम । "पुहकर गगन विहाय नभ, अंतरीक्ष प्राकाम ।।९।। विदस विबुध पावकवदन, अमर अजर असुगार।
आदितंय सुर देवता, सुमनस अंबरचारि ॥१०॥ 'प्रजानाथ बंधा हिन, कमलामन लाकस ।
धात विधाता चतुर्मग्व, विधि विरंचि देवेम ।।११। १ नागयन वसुदेवसुत, दामोदर गोपीम।
अचुन त्रिविक्रम चतुर्भज, वनमाली जगदीम ॥१२॥ मधुरिपु बलिम्पुि वानरिपु, दानवदलन मुर्गार । कमविधंसन पीनपट, कैटभारि नरकारि ॥ १३ ॥
६ देवलोकनाम ७ ग्राकाशनाम | * नाटक ममयमाग्में इम नामका निम्न पद्य पाया जाता है:
ग्वं विहाय अंबर गगन, अंतरिच्छ जगधाम । व्योम नियन नभ मेघपथ, ये अकामके नाम ॥३८॥
८ देवनाम : ब्रह्मानाम १. विष्णु ( कृष्ण ) नाम ।
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