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मकान तुम्हारा मालिक हो गया।
फरीद एक रास्ते से गुजरता था अपने शिष्यों के साथ और एक आदमी एक गाय के गले में रस्सी बांध कर घसीटे ले जा रहा था। गाय घिसट रही थी, जा नहीं रही थी । परतंत्रता कौन चाहता है! फरीद ने घेर लिया उस आदमी को, गाय को अपने शिष्यों से कहा, खड़े हो जाओ, एक पाठ. ले लो। मैं तुमसे एक सवाल पूछता हूं 'यह आदमी ने गाय को बांधा है कि गाय ने आदमी को बांधा है?'
वह आदमी जो गाय ले जा रहा था वह भी खड़ा हो गया. देखें मामला क्या है ! यह तो बड़ा अजीब प्रश्न है। और फरीद जैसा ज्ञानी कर रहा है !
शिष्यों ने कहा, बात साफ है कि इस आदमी ने गाय को बांधा है, क्योंकि रस्सी इसके हाथ है। फरीद ने कहा, मैं दूसरा सवाल पूछता हूं। हम इस रस्सी को बीच से काट दें तो यह आ गाय के पीछे जाएगा कि गाय आदमी के पीछे जाएगी?
तो शिष्यों ने कहा, तब जरा झंझट है। अगर रस्सी काट दी तो इतना तो पक्का है कि गाय तो भागने को तैयार ही खड़ी है। यह इसके पीछे जाने वाली नहीं है, यह आदमी ही इसके पीछे जाएगा। तो फरीद ने कहा, ऊपर से दिखता है कि रस्सी गले में बंधी है गाय के पीछे से गहरे में समझो तो आदमी के गले में बंधी है।
जिसके हम मालिक होते हैं, उसकी हम पर मालकियत हो जाती है। तुम धन के कारण धनी थोड़े ही होते हो, धन के गुलाम हो जाते हो। धन के कारण धनी हो जाओ तो धन में कुछ भी खराब नहीं है। लेकिन धन के कारण कभी कोई विरला धनी हो पाता है। धन के कारण तो लोग गुलाम हो जाते हैं। उनकी सारी जिंदगी एक ही काम में लग जाती है जैसे... तिजोड़ी की रक्षा ! और धन को इकट्ठा करते जाना! जैसे वे इसीलिए पैदा हुए हैं ये महंत कार्य करने को इस संसार में आए हैं। तिजोड़ी में भर कर मर जायेंगे, उनका महंत कार्य पूरा हो जाएगा! तिजोड़ी यहीं पड़ी रह जाएगी।
अष्टावक्र कहते हैं. तेरा कोई नहीं, तू किसी का नहीं, अकेला है - अतः शुद्धः । इसलिए मैं घोषणा करता हूं कि तू शुद्ध है। शुद्ध तेरा स्वभाव है।
जब भी कोई चीज किसी दूसरी चीज से मिल जाती है तो अशुद्ध हो जाती है। विजातीय से मिलने से अशुद्धि होती है। प्रत्येक चीज अपने आप में तो शुद्ध ही होती है, यह ध्यान रखना। तुम कहते हो, इस दूध वाले ने पानी मिला दिया दूध में, तो दूध अशुद्ध हो गया। तुमने कभी दूसरी बात सोची कि पानी भी अशुद्ध हो गया? वह तो तुम्हें जरूरत दूध की है, इसलिए तुम दूध की फिक्र करते हो कि दूध अशुद्ध हो गया। लेकिन दूध, अगर दूध वाला यह कहे कि मैंने बिलकुल शुद्ध पानी मिलाय है, कैसी नासमझी की बात करते हो कि अशुद्ध हो गया! पानी बिलकुल शुद्ध था, मैंने मिलाया, दूध भी शुद्ध था - शुद्धता दोहरी हो गई ! तुम अशुद्धता की बात कर रहे हो? कोई अशुद्ध पानी नहीं मिलाया है, कोई डबरे से सड़क के किनारे नहीं भर कर मिला दिया, बिलकुल शुद्ध करके र उबाल कर, प्राशुक इसमें मिलाया है। तुम कैसे कहते हो कि यह अशुद्ध है? दो शुद्ध चीजें जब मिलती हैं तो सीधा