________________
अर्हत् वच कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर
भगवान महावीर 2600 वाँ जन्म जयन्ती महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली के मार्गदर्शन में जैन पाण्डुलिपियों की राष्ट्रीय पंजी (National Register of Jaina Manuscripts) के निर्माण का निश्चय किया गया है। इस क्रम में राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) द्वारा चयनित नोडल एजेन्सी कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं उत्तरप्रदेश के चुनिन्दा जिलों में जैन पाण्डुलिपियों के सूचीकरण का कार्य गतिमान है। इस सूचीकरण के अन्तर्गत संकलित जानकारी के आधार पर e-catalogue तैयार किया जा रहा है। यह कार्य भी प्रगति पर है।
1.
2.
3.
आख्या
जैन पाण्डुलिपि सूचीकरण प्रशिक्षण शिविर
इन्दौर, 19 से 21 सितम्बर 2003
■ अनुपम जैन *
शिविर को सम्बोधित करते हुए अनेकान्त ज्ञान मन्दिर बीना के संस्थापक ब्र. संदीप जैन 'सरल'
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ को आबंटित क्षेत्र में गाँव- गाँव में विकीर्ण लक्षाधिक पाण्डुलिपियों
के सर्वेक्षण, सूचीकरण एवं प्रारम्भिक संरक्षण हेतु प्रशिक्षित मानवशक्ति प्राथमिक आवश्यकता है। इस कार्य हेतु कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा अब तक ज्ञानपीठ में 3 प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जा चुके हैं
-
जन पांडुलिपियों राष्ट्रीय पंजी निर्माण परियोजना | पांडुलिपि सूचीकरण प्रशिक्षण शिविर
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर, 19-230 ब
16 - 18 मई 2003 22-24 जुलाई 2003
19 21 सितम्बर 2003
Jain Education International
इनमें से यह तृतीय शिविर अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं व्यापक था। इस शिविर में संलग्न सूची के अनुसार 40 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षक के रूप में निम्नांकित 5 विद्वानों ने सक्रिय भूमिका का निर्वाह किया -
अर्हत् वचन, 15 ( 4 ), 2003
For Private & Personal Use Only
83
www.jainelibrary.org