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आख्या
अर्हत् वचन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर
एकादश राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी केकड़ी (अजमेर), 7-9 अक्टूबर 2003
- विजय कुमार जैन*
संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के सुशिष्य मुनिपुंगव पूज्य मुनि श्री सुधासागरजी महाराज के चातुर्मास के अन्तर्गत आचार्य रविषेण विरचित पद्मपुराण ग्रन्थ के परिशीलनार्थ एकादश राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी का आयोजन 7 से 9 अक्टूबर 2003 के मध्य केकड़ी (अजमेर) में सम्पन्न हुआ। श्री अरुणकुमार जैन, प्राचार्य - ब्यावर के निर्देशन एवं डॉ. विजयकुमार जैन, लखनऊ के संयोजकत्व में आयोजित इस त्रिदिवसीय संगोष्ठी में विभिन्न प्रान्तों से पधारे 34 मनीषी विद्वानों ने अपने आलेख प्रस्तुत किये। दि. 7.10.03, प्रथम/उद्घाटन सत्र- अध्यक्षता : डॉ. जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर विषय प्रवर्तन : प्राचार्य श्री अरुणकुमार जैन, ब्यावर संचालन : डॉ. विजयकुमार जैन, लखनऊ
मंगल कलश स्थापन एवं दीप प्रज्ज्वलन के उपरान्त पूज्य मुनि श्री सुधासागरजी महाराज का मंगल उद्बोधन हुआ। इससे संगोष्ठी को दिशा प्राप्त हुई। डॉ. कस्तूरचन्द्र जैन 'सुमन' (श्रीमहावीरजी) ने 'पद्मपुराण में राम के चरित्र का वैशिष्ठ्य' शीर्षक शोधपूर्ण आलेख प्रस्तुत किया। दि. 7.10.03, द्वितीय सत्र - अध्यक्षता : डॉ. कमलेशकुमार जैन, वाराणसी, संचालन : डॉ. कपूरचन्द जैन, खतौली वक्ता : डॉ. जयकुमार जैन (मुजफ्फरनगर), डॉ. रमेशचन्द्र जैन (बिजनौर), डॉ. नलिन के. शास्त्री (दिल्ली),
डॉ. (श्रीमती) नीलम जैन (गाजियाबाद) एवं डॉ. ऋषभचन्द जैन (आरा)। दि. 7.10.03, तृतीय सत्र - अध्यक्षता : प्राचार्य श्री निहलचन्द्र जैन, बीना, संचालन : डॉ. (श्रीमती) रांका जैन, लखनऊ वक्ता : डॉ. (श्रीमती) विमला जैन (फिरोजाबाद), डॉ. (श्रीमती) ज्योति जैन (खतौली), डॉ. राजहंस गुप्ता
(बिजनौर), डॉ. (कु.) आराधना जैन (गंजबासोदा), श्री महेन्द्रकुमार जैन (भोपाल) एवं श्री नरेन्द्रकुमार
जैन (सनावद)। दि. 8.10.03, चतुर्थ सत्र - अध्यक्षता : डॉ. जे. बी. शाह, अहमदाबाद, संचालन : डॉ. नरेन्द्र जैन, सनावद वक्ता : डॉ. शीतलचन्द्र जैन (जयपुर), डॉ. फूलचन्द्र जैन 'प्रेमी' (वाराणसी), श्री रतनलाल बैनाड़ा (आगरा)
एवं डॉ. अशोककुमार जैन (लाडनूं)। दि. 8.10.03, पंचम सत्र - अध्यक्षता : डॉ. रमेशचन्द्र जैन, बिजनौर, संचालन : डॉ. अशोककुमार जैन, लाडनूं वक्ता : डॉ. प्रद्युम्न शाह (अहमदाबाद), डॉ. जे. बी. शाह (अहमदाबाद), डॉ. शिवसागर त्रिपाठी (जयपुर),
डॉ. रंजन सूरिदेव (पटना), डॉ. कमलेशकुमार जैन (वाराणसी) एवं डॉ. (श्रीमती) रांका जैन (लखनऊ)। दि. 8.10.03, षष्ठम सत्र - अध्यक्षता : डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर, संचालन : डॉ. (श्रीमती) ज्योति जैन, खतौली वक्ता : डॉ. कपूरचन्द्र जैन (खतौली), डॉ. (श्रीमती) पुष्पा जैन, श्री वीरेन्द्र निर्झर (बुरहानपुर), डॉ. रामसागर
मिश्र (लखनऊ), श्री श्रीराम परिहार एवं डॉ. विजयकुमार जैन (लखनऊ)। दि. 9.10.03, सप्तम सत्र - अध्यक्षता : डॉ. शिवसागर त्रिपाठी, संचालन : डॉ. नरेन्द्र जैन, सनावद वक्ता : श्री राकेशकुमार जैन शास्त्री (सांगानेर), पं. अभयकुमार जैन (बीना), प्राचार्य निहालचन्द्र जैन (बीना),
डॉ. सुरेन्द्रकुमार जैन (बुरहानपुर)। दि. 9.10.03, अष्ठम एवं समापन सत्र - अध्यक्षता : डॉ. श्री रंजनसूरिदेव, पटना, संचालन : प्राचार्य अरुणकुमार जैन, ब्यावर
इस सत्र में समागत विद्वानों के सम्मान के अतिरिक्त डॉ. अशोककुमार जैन (ग्वालियर) के शोध पत्र का वाचन भी सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी अत्यन्त सफल रही।
* संपादक - श्रुत संवर्द्धिनी, लखनऊ
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