Book Title: Arhat Vachan 2003 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

View full book text
Previous | Next

Page 94
________________ मन्दीर सिजार 2007 (अंतरिक्ष वैज्ञानिक, राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, अहमदाबाद) का 'सूर्य एवं पृथ्वी के पर्यावरण' पर अत्यन्त रोचक एवं ज्ञानवर्द्धक व्याख्यान हुआ जिसमें उन्होंने प्रतिपादित किया कि सूर्य और पृथ्वी के संबंध में नवीनतम शोध जैन दर्शन के निष्कर्षों को पुष्ट कर रही हैं। अनेक ऐसे रहस्य भी ज्ञात हो रहे हैं जो जैनाचार्यों को तो सहस्रों वर्ष पूर्व ज्ञात थे। किन्तु आधुनिक विज्ञान आज भी असमंजस की स्थिति में है। स्लाइड की मदद से दिया गया उनका यह व्याख्यान बहुत सराहा गया। श्रोताओं ने आपका एक व्याख्यान निकट भविष्य में पुन: आयोजित करने का आग्रह किया। कनाडा से पधारे ब्राह्मी सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. एस. ए. भुवनेन्द्रकुमार ने विदेशों, विशेषत: अमेरिका एवं कनाडा. में जैन विद्याओं के अध्ययन की स्थिति पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद महावयन पुरस्कार समर्पण समारोह । मेहरा, दिल्ली ने कागज, ताड़पत्र, द कुन्दज्ञानपीठ इन्दौटामा) भोजपत्र आदि पर लिखित पाण्डुलिपियों के संरक्षण की पारम्परिक एवं आधुनिक विधियों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय अभिलेखागार की इस सन्दर्भ में भूमिका और कार्य पद्धति को सरल और सहज रूप में प्रस्तुत प्रो. ललिताम्या (डीन- देवी अहिल्या वि.वि.) का सम्मान करते हुए प्रो. कल्पना मेधावत किया। प्रोजेक्टर के (होलकर विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर) तथा प्रो. संगीता मेहता (शास. कला एवं माध्यम से आपने वाणिज्य महाविद्यालय, इन्दौर) सम्पूर्ण कार्य विधि को सूक्ष्मता से स्पष्ट किया जिसे उपस्थित विद्वानों ने बहुत सराहा। निकट भविष्य में इन व्याख्यानों के पूर्ण पाठ प्राप्त होने पर उन्हें प्रकाशित किया जा सकेगा। पुरस्कार समर्पण समारोह एवं कुन्दकुन्द व्याख्यान के कतिपय दृश्य आगामी पृष्ठों पर दृष्टव्य हैं। इस अवसर पर देवी अहिल्या वि.वि. के मानविकी संकाय की अध्यक्ष प्रो. ललिताम्बाजी तथा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की शोध छात्रा डॉ. अनुपमा छाजेड़ के शोध निदेशक डॉ. पुरुषोत्तम दुबे का भी उनके निस्पृह अकादमिक योगदान हेतु सम्मान किया गया। कार्यक्रम के संयोजन में श्री जयसेन जैन एवं श्री अरविन्दकुमार जैन की उल्लेखनीय भूमिका रही। डॉ. प्रकाशचन्द जैन, श्रीमती विमला कासलीवाल, श्री रमेश कासलीवाल, डॉ. संगीता मेहता, डॉ. सुशीला सालगिया, डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज', प्रो. कल्पना मेधावत तथा नगर के अनेकों प्राध्यापकों ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम की गरिमा में अभिवृद्धि की। ज्ञानपीठ की ओर से सचिव डॉ. अनुपम जैन ने पुरस्कृत विद्वानों को बधाई देते हुए सभी उपस्थित विद्वत्जनों एवं कार्यकर्ताओं का आभार माना। * मानद सचिव - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ 584, म.गांधी मार्ग, तुकोगंज, इन्दौर - 452001 90 अर्हत वचन. 15 (4). 2003 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136