Book Title: Arhat Vachan 2003 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 105
________________ अर्हत् वच कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर परम पूज्य, सराकोद्धारक संत उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी महाराज के ससंघ मंगल सान्निध्य तथा उन्हीं की मंगल प्रेरणा से संस्कृति संरक्षण संस्थान, दिल्ली तथा तीर्थक्षेत्र संरक्षिणी कमेटी, सोनागिर (दतिया) के संयुक्त तत्वावधान में देश में प्रथम बार दिगम्बर जैन युवा विद्वत् संगोष्ठी सम्पन्न हुई। संगोष्ठी में 40 युवा जैन विद्वान पारम्परिक वेशभूषा ( धोती, कुर्ता, टोपी) में सम्मिलित हुए । संयोजक श्री सुनील जैन 'संचय', वाराणसी रहे । 13. 10.03 को प्रात: उद्घाटन सत्र श्री राजचन्द्र जैन शास्त्री, भोपाल के मंगलाचरण तथा क्षेत्र कमेटी के मंत्री श्री ज्ञानचन्द्रजी जैन के दीप प्रज्ज्वलन से सम्पन्न हुआ। संगोष्ठी में समागत विद्वानों ने निम्नांकित तीन विषयों पर आलेखों का वाचन किया श्रावकाचार और उसकी उपयोगिता 1. 2. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में युवा विद्वानों का दायित्व 3. शिक्षण शिविर एवं तत्संबंधी समस्याएँ एवं निदान कुछ विद्वानों ने युवा विद्वानों को रोजगार उपलब्ध न होने की समस्या पर भी विचार रखे। आख्या प्रथम दि. जैन युवा विद्वत् संगोष्ठी सोनागिर, 13 से 15 अक्टूबर 2003 ■ सुनील जैन 'संचय' * संगोष्ठी में उद्घाटन सत्र के अतिरिक्त 13 अक्टूबर को दोपहर 2.00 बजे, रात्रि 7.30 बजे, 14 अक्टूबर को प्रातः 8.00 बजे, दोपहर 2.00 बजे, रात्रि 7.30 बजे तथा 15 अक्टूबर को प्रातः 8.00 बजे आलेख वाचन से सम्बन्धित सत्र हुए। सभी सत्रों की अध्यक्षता वरिष्ठ जैन विद्वान एवं दिग जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर ने की एवं आलेखों में व्यक्त विचारों की समीक्षा की। सारस्वत अतिथि पं. ज्ञानचन्द्रजी जैन, विदिशा की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही। पूज्य उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी महाराज के ससंघ सान्निध्य के अतिरिक्त विभिन्न सत्रों में मुनि श्री कीर्तिसागरजी, ऐलक पवित्रसागरजी, क्षु सम्यक्त्वसागरजी, ब्र. अनीता दीदी, ब्र. मंजूला दीदी का भी सान्निध्य प्राप्त हुआ। संगोष्ठी में समागत विद्वानों में निम्न नाम सम्मिलित हैं - श्री ऋषभकुमार जैन शास्त्री, अहारजी श्री अविनाश जैन, अहारजी श्री अभिषेक जैन, अहारजी श्री चन्द्रेशकुमार जैन श्री संजीव जैन शास्त्री, वाराणसी श्री वैद्य ऋषभकुमार जैन, बड़ागाँव श्री राजचन्द्र शास्त्री, भोपाल अर्हत् वचन, 15 ( 4 ), 2003 Jain Education International श्री मनोज शास्त्री, बगरोही श्री निर्मलकुमार जैन शास्त्री, सुजानगढ़ श्री मनोज शास्त्री, महार श्री सुरेन्द्र शास्त्री, शिक्षक, अशोकनगर श्री वृजेश शास्त्री, महुआ श्री सोमचन्द शास्त्री, मैनवार श्री शैलेन्द्र शास्त्री, जयपुर For Private & Personal Use Only 99 www.jainelibrary.org

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