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April-2003
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दारुछेदक
शशा
इति सज्झाई संपूर्ण
विभाग-३ अघरा शब्दोना अर्थ लाकडां कापनार ससलुं दीपडो बोध पमाडवो कूवा कांठे निमिष अथवा पलकारो दबाई गया
चीतर
बुझवई कूप-कंठइ मषि चंपिआ संबल
भाएं
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