Book Title: Anusandhan 2003 04 SrNo 23
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 96
________________ April-2003 माहिती 1666 जैन पाण्डुलिपिओनुं सूचीकरण तथा संरक्षण भावनगर (सौराष्ट्र) स्थित श्रीसत् श्रुत प्रभावना ट्रस्ट द्वारा, भारतना अन्यान्य प्रान्तोना क्षेत्रोमां स्थित १०७ दिगम्बरीय ह. लि. शास्त्र भण्डारोनी आशरे ४० हजार पाण्डुलिपिओनी सूचि बनावीने तेने कम्प्यूटरमा Feed करवामां आवी छे उपरांत, मुद्रित सूचिपत्रोना आधारे पण १४५४२ ग्रन्थोनी सूचि Feed करेल छे. आमांथी अप्रकाशित कृतिओनुं जुदुं सूचीकरण करीने तेवी प्रतिओनुं स्केन करवा द्वारा C. D. बनाववानी पण योजना छे. हजी पण आ योजना हेठळ कार्य जारी ज छे. Jain Education International 91 अलबत्त, आ आयोजन फक्त दिगम्बर संघना भण्डारो पूरतुं मर्यादित छे. आम छतां, आ समग्र आयोजन अत्यन्त उपयोगी तथा आवश्यक छे ते विषे बे मत नथी. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 94 95 96 97 98