Book Title: Anusandhan 1997 00 SrNo 10
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 81
________________ 76 (क) केटलाक बनावो अंगे उल्लेख संवत १६८७ गूर्जरदेश व महति दु:काले मृतकोस्थिगामे जाते श्रीपत्तने नगरे विशेषशतक नोंध : आ प्रकारनी जैतिहासिक सामग्री नो समावेश करती प्रशस्तिना संग्रहना केटलाक ग्रंथो आ प्रमाणे छे. जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह. संपा. मुनि जिनविजयजी । प्रशस्तिसंग्रह (बे भागमां) संपा. अमृतलाल शाह । प्रशस्तिसंग्रह. संपा. भूजबली शास्त्री । जैनग्रंथप्रशस्तिसंग्रह (भाग १-२) संपा. परमानंद शास्त्री । प्रशस्तिसंग्रह संपा. कस्तुरचंद कासलीवाल । आ उपरांत प्रतिमालेख (पाषाण अने धातु)ना लेखसंग्रहोमां पण आवा प्रकारनी सामग्री प्राप्त थाय ते उल्लेखनीय छ । ar r in so Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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