Book Title: Anusandhan 1997 00 SrNo 10
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 79
________________ 1A छे। जेमके कपडवंज, खंभात, वडोदरा अनुक्रमे कर्पटवाणिज्य, स्थभंतीर्थ, बटप्रद तरीके ओळखातां । (अ) आ प्रशस्तिमा संवत/साल-मास-पक्ष-तिथि-वार-नगर अने शासक अंगे उल्लेख मळे छे । जेमके (१) संवत १४९२ वर्षे पोषमासे कृष्णपक्षे १० श्रामद अणहिल पत्तने पातसाह श्री अहम्मद विजय राजये लिखितम् नीशीथ-चूर्णि (२) सं. १५१३ वर्षे कार्तिक सुदि १२ रवौश्रीमद अणहिलपुर पत्तने, श्रीकुतबविजय राजये ... मेघदूताख्यं काव्यम् लिखितम् -मेघदूतकाव्य (३) संवत १५४९ वर्षे कार्तिक वदि १२ दिने मंडप महादुर्गे सुरताण ग्याससाह विजयराजे श्रीपत्तनमध्ये ... लिखितम् - -आनंदसुंदर काव्य (४) संवत १६९९ सहसिमासे वलक्षे पक्षे पूर्णियास्यां तिथौ... श्रीनवानगरे जामश्री लाखाविजयिनि राजये ... लिखितम् तर्कभाषाम् (५) संवत १५८० वर्षे फागुण वदि १० दशम्यां शनिवारे मूलनक्षत्रे श्रीसोजतीनगर्या रायश्री वीरमदेवविजय राज्ये .. लिखितम् -भगवतीसूत्र (६) अथ संवत १६८४ वर्षे ज्येष्ठ मास वदि २ स्थानेश्वरराख्य नगरे कुरुक्षेत्रोपकष्ठे साह सलमी जहांगीर राजये .. लिखितम् . - त्रैलक्यदीपक प्रबंध (७) संवत १६६७ वर्षे जेष्ठ वदि ७ धल्लूस्थाने पतिसाह सुरताण जलालदीन अकबर महाराज्ये ... लिखितम् - उत्तराध्यनसूत्र वृत्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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