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सप्तभगी से सम्बन्धित 'है, नही है, है और नही है' आदि प्रथम दृष्टि में उलझी हुई प्रतीत होने वाली बातो मे कोई उलझन या गडबडी नही है । इसके ग्रनुरूप कई दृष्टात पेश किये जा सकते है |
' पोटेशियम सायनाइड' नामक एक पदार्थ है । वह एक घातक विप है | इसका एकाध करण भी मनुष्य के खून मे मिलते ही उसके प्राण शरीर मे से छटपटा छटपटा कर निकल जाते है। फिर भी इसके अनेक प्रौद्योगिक ( Industrial ) उपयोग भी है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग के उद्योग में इससे बनने वाले एक लवर (Salt) का उपयोग होता है। फोटोग्राफी के क्षेत्र मे फिल्म की पट्टिया और प्लेटे धोने मे भी इसके विलयन (Solution ) का उपयोग होता है । इसके और भी कई उपकारक उपयोग है |
लिए एक वडी
यह पोटेशियम सायनाइड वैज्ञानिको के समस्या हे । श्रभी तक वैज्ञानिक इसका हल नही खोज सके है । अभी तक समार को यह मालूम नही हो सका है कि इस पदार्थ का स्वाद कैसा है ।
मनुष्य की जिज्ञासावृत्ति ने ज्ञानप्राप्ति के लिए जो भगीरथ पुरुषार्थ आरम्भ किया है, पोटेशियम सायनाइड का स्वाद उसका एक ज्वलन्त उदाहरण है । जगत को इसकी जानकारी देने के लिये आज तक कई वैज्ञानिको ने स्वेच्छा से अपने प्राणो की वलि दे दी है । यह जानते हुए भी कि जीभ से इस जहर का सपर्क होते ही तात्कालिक मृत्यु हो जाती है, कितने ही वैज्ञानिको ने इसका स्वाद मालूम करके दुनिया को उसकी जानकारी देने के लिए निष्फल पुरुषार्थ कर अपने प्राण