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घोर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक
अनेकान्त
(पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर')
वर्ष ३६ : कि०४
अक्टूबर-विसम्बर १९५६
इस अंक में
क्रम
विषय १. णमोकार-महिमा २. तीर्थकर पार्श्वनाथ की केवलज्ञान भूमि :
अहिच्छत्रा-- डा. ज्योति प्रसाद जैन ३. समवशरण सभा के १२ कोठे
-रतनलाल कटारिया, केकड़ी (अजमेर) ४. नेमि शीर्षक हिन्दी साहित्य
--डा० कु० इन्दुराय जैन ५. महाकवि अहंदास : व्यक्तित्व एवं कृतित्व ___ -डा. कपूरचन्द जैन, खतौली ६. भगवती आराधना मे तप का स्वरूप
डा० कु. निशा, बिजनौर ७. नीतिवाक्यामृत में राजकोष की विवेचना
-चन्द्रशेखर एम० ए० (अर्थशास्त्र) ८. शिरोमणिदास कृत धर्मसार सतसई
- श्री कुन्दनलाल जैन दिल्ली १. जरा सोचिए : -सम्पादकीय १०. अनेकान्त पर लोकमत
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आ.पृ० २
प्रकाशक :
वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२