Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 10
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ 免免染染免密免密免染染染免免 (56]ii आरामसुधारि-धुः:: दशमो विभागः / मंतरपुदमोहोवसमसंवेगनिवेयगुकंयाभत्थिताभिवती सलवण यवरसम्महंसगुल्लसंतबीरिया णिगहिय-उगकधोरदुम्करतबनिरंतरज्जियउत्तुंगपुन्भखंघसमुदयमहप भारसंविउत्त- उत्तमपवरपक्तिविस्स कसिणबंधुणाह सामिसाल-अणंत. कालवत्तभवभावणछिन्नपावबंधोक्क अबिजतित्थयर नामकम्म गोयणिसिथ-सुकंतरित्तचालकवा इसरिसिपथासनिरुवमलस्वणसहस्समंडियजगुत्तममुत्तमसिरीनिवासवासवावी इव देवमणुय- . दिठमेततक्खणंतकरणलाश्यचमक्कनयणमाणसाउलमहंतविम्हयपमोथकारथा भसेसकसिण पावकाममलकलंकषिप्यमुक्कसमधउरंस-पबर पठमवजरिसहनारायसंघयणाहिरिय-परमपवितुत्तममुत्तिधरे 3 / / ते चेव भगवंते महायसे महासत्ते महायुभागे परमिट्टी सधम्मतित्थंकरे भवंति // 15 अन्नं च सयलनरामरतियसिंदसुंदरीरूवतिलावन्नं / सन्वंपि होज्ज जइ एगरासिण संपिडियं कहवि॥२३॥ तं च जिण चलणंगुरकोडिंऐसेगलकवभागस्स / संनियमि(वि)न सोहर जह' धारउर्ड कंचणगिरिस्स ॥॥ति. अब्बा नाऊण गुणंतराइं अन्नेसि ऊण सम्वत्थ / तित्ययरगुणागमगंतभागमलभंतमन्नाथ ॥२५॥जतियणंपि समलं ए. (गीहोऊणमुभमेगदिसिं। भागे गुणा हिओऽम् तिस्थ| यरे परम पुज्जे // 26 // ति. तेच्चिय अच्चे वंदे पूर | अरिहे गमइसमन्ने / जम्हा तम्हा ते चेव भारओ / णमह धम्मतिथियरे // 27 // लोगेवि गामपुरनगर.) / विसयजणवयसमगभरहस्स / जो जित्तियम्स ! सामी तस्साणति ले करेंति // 28 // नवरं गामाहि- / Marachar 40? CPMM.. वरपरका S परका

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