Book Title: Agam Chatusharan Prakirnakam
Author(s): Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan
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________________ खण्ड-३/परिशिष्टः-९ 253 गाथा ___ IV ग्रन्थोक्तोद्धरणगाथाकारादिक्रमः आधचरणः चतुःशरणः मूलग्रन्थः / आधचरणः चतुःशरण मूलग्रन्थः गाथा अइसयचरण 34 [वि०आ०भा०] एयस्स दसविहस्स' 7 [आव०चू०] अणुलोमहेउ तस्सी 56 [वि०आ०भा०] | एवं अपरिवडिए 42 [वि० आ०भा०] अंतिम कोडाकोडीए 42 [वि॰आ०भा०] | एवं समायरंतो काले 36 [ ] अपुव्वेण तिपुंजं 42 [वि॰आ०भा०] कसिणं केवलकप्पं 32 [आव० नियु] अममत्त अपरिकम्मा 33 [ ] काउस्सग्गे जह 6 [आव० निर्यु] अरहंत नमुक्कारो . 22 [आव०नियु०] कामो चउवीसविहो 39 दशहारि०वृ०] अरिहंति वंदण 11 [आव०नियु०] कायव्वा पुण भत्ती ___51 [नि०भा०] असरीरा जीवप्राणा 24 [आव०निर्यु काले य भत्तपाणं - 36 [ ] असियसयं किरियाणं 47 . [आचा० सू०] काले सिक्खइ नाणं 36 [ आगम ववहारी 33 [ ] कुज्जा जिणाइपूया 16 [वि०आ०भा०] आणाए अवटुंतं जो .52 . [ दर्श०शु०प्र०] कुट्ठयधन्न सुनिग्गल 34 [वि०आ०भा०] आराहणावउत्तो 31 [आतुर प्रत्या०] | केवल नाणुवउत्ता 24 [आव० निर्यु] आवस्सएसु जह जह 7 [आव० निर्यु.] को आउरस्स कालो 51 [नि०भा०चू०] आवस्सयं अवस्सकरणि 1 [आव० नियु] खीर-महु-सप्पिसा 34 [वि॰आ०भा०] आहारगा वि मण 63 हितोपदेश] खीरासवो नाम जहा' 34 [आव० चूर्णि०] इक्कारसंग सुत्तधारगा 32 [ ] गय वसह सीह 8 [कल्पसूत्र इय सव्वकालतित्ता 26 [आव०निर्यु.] गुणीण अणत्थं जो 52 [ ईसीपब्भारगए उवरि 25 [आव० नियु०] | चउदससहस्साईं 63 व्यव० भाष्य] उक्कोसं दव्वत्थ 6 1 [दर्शःशु०प्र०] चउतीस बुद्धाइसेसा' 18 [समवा० सूत्र उपदेश-स्तुति-ध्यान 18 [ ] चउवीसत्थएणं भंते 3 [उत्तरा० सू०] * एक वा चउहिँ 51 [ जत्थ न जरा न 63 [ ] एगाए अणेगेसिं .. 19 [ध्या०श०वृ०] जस्सट्टाए कीरइ नग्ग' 29 [ एगुप्पारण गओ 34 [वि॰आ०भा०] |जह करगओ निकिंतइ 6 वि०आ०भा०] एयगुणोववेया 32 [ ]जह चिरसंचियमिंधण 27 [आव० निर्यु] (* एतादृक्फुल्लिकाविशिष्टानि सूत्राणि गद्यपाठात्मकानि ज्ञेयानि - सम्पा०)
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