________________
___२६२
उत्तराध्ययन सूत्र
wwwwwwwwww
(६२) केशीमुनि ने फिर प्रश्न कियाः-'हे गौतम ! वह मार्ग
कौनसा है ?" यह प्रश्न सुनकर गौतम ने केशीमुनि को
यह उत्तर दिया(६३) स्वकल्पित मतों में जो स्वच्छन्द-पूर्वक आचरण करता है.
वे सब पाखण्डी हैं। वे सब कुमार्ग पर भ्रमण कर रहे हैं और वे अन्त तक भवसमुद्र में गोते खाते रहेंगे। संसार के बन्धनो से सर्वथा मुक्त हुए जिनेश्वरों ने सत्य का जो
मार्ग बताया है वही उत्तम है। (६४) हे गौतम ! तुम्हारी बुद्धि बहुत उत्तम है। मेरे संशय को
तुमने दूर कर दिया । मुझे एक दूसरी शंका है, कृपा कर
उसका भी निरसन ( समाधान ) करो।। (६५) जल के महाप्रवाह में डूबते हुए प्राणियों को उस
दुःख से बचानेवाला शरणरूप कौन है ? वह स्थान कौनसा है ? उस गति का नाम क्या है ? और आधार
स्वरूप वह द्वीप कौनसा है ? (६६) और हे गौतम ! उस जल के महाप्रवाह में भी एकी
महाविस्तीर्ग द्वीप है जहां पानी के उस महाप्रवाह
आना जाना नहीं होता। (६७) केशीमुनि ने गौतम से पूछा:-हे मुने ! उस द्वीप का नाम
क्या है सो कहो। यह सुनकर गौतम ने यह उत्त
दिया:(६८) जरा (बुढ़ापा) तथा मरणरूपी जल के फल लगे।
इस संसार के स्व प के समान जह
.
.
......
.