Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Saubhagyachandra
Publisher: Saubhagyachandra

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Page 502
________________ ४२० उत्तराध्ययन सूत्र -~~ ~ ~wwwwwwwanmmmmm WARE (२२) रंग से काले पदार्थ में (दो) गंध, (पांच) रस, (पाठ) स्पर्श, (पांच) संस्थान इस तरह २० बोलों की भजना (हो या न हो) जाननी चाहिये। टिप्पणी-'भजना' शब्द लिखने का मतलब यह है कि जो स्थूल अनन्त प्रदेशी स्कंध पुद्गल, वर्ण में काला हो उसमें गंध, रस, स्पर्श और संस्थान ये २० गुण जानना । परमाणु की अपेक्षा से तो एक गंध. एक रस, और दो स्पर्श ये चार, ही गुण होते हैं। इसी तरह सब जगह समझना चाहिये। • (२३) जो पुद्गल वर्ण (रंग) में नीला हो उसमें गंध, रस, स्पर्श और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (२४) जो पुदगल रंग में लाल हो उसमें गंध, रस, स्पर्श और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (२५) जो पुदगल रंग में पीला हो उसमें गंध, रस, स्पर्श और संस्थान की भजना सममनी चाहिये ।। (२६) जो पुद्गल रंग में सफेद हो उसमें गंध, रस, स्पर्श और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (२७) जो पुद्गल सुगन्ध वाला हो उसमें वर्ण, रस, स्पर्श और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (२८) जो पुद्गल दुर्गंध वाला हो उसमें वर्ण, रस, स्पर्श और सस्थान की भजना समझनी चाहिये। (२९) जो पुद्गल तीखे रसवाला हो उसमें वर्ण, गंध, स्पर्श और संस्थान की भजना समझनी चाहिये। (३०) जो पुद्गल कडुए रसवाला हो उसमें वर्ण, गंध, स्पर्श और संस्थान की भजना समझनी चाहिये ।

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