Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Saubhagyachandra
Publisher: Saubhagyachandra

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Page 538
________________ उत्तराध्ययन सूत्र - जाता है जहाँ वह दुःख में भी सुख, वेदना में भी शांति का अनुभव करने लगता है। परम प्रगाढ़ सन्तोप की भावनाएं उसके हृदय समुद्र में हिलोरे मारने लगती हैं। ऐसा मैं कहता हूँइस प्रकार 'जीवाजीवविभक्ति' संबंधी छत्तीसवां अध्ययन समाप्त हुआ। ॐ शान्तिः! ॐ शान्ति !! ॐ शान्ति !!!

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