Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Saubhagyachandra
Publisher: Saubhagyachandra

View full book text
Previous | Next

Page 540
________________ सस्ता ! सरस!!! जिसने अनेक जिज्ञासुओं को सन्तुष्ट किया है। जिसकी सभी ने एक स्वर से प्रशंसा की है। वह उत्तराध्ययन सूत्र [गुजराती अनुवाद] जिसमें संपूर्ण उत्तराध्ययन सूत्र के सरल एवं सुबोध गुजराती भाषान्तर के सिवाय उपयोगी समृद्ध एवं भावपूर्ण टिप्पणियां भी दी गई हैं। ढाक खर्च चार आना : पृष्ठ संख्या ४०० : कीमत केवल छः आना यदि आप जैन धर्म का भादर्श जानना चाहते हैं तो इसे आज ही मंगाकर पढ़ें। निसकी न कुछ समय में दो दो आवृत्तियां छपकर हाथोंहाथ बिक गई फिर भी उसकी मांग ज्यों की त्यों बनी हुई है। आम हो एक प्रति मंगा लीजिये, नहीं तो पीछे पछताना पड़ेगा। स्मरण शक्ति [गुजराती भाषा में ] [ भनुभूत प्रयोगों द्वारा सन्नित ] यह पुस्तक ज्ञान-निज्ञासुओं एवं अभ्यासियों के लिये बड़े ही काम की है। रात में भाज तक ऐसी एक भी दवा आविष्कृत नहीं हुई जो स्मरण शक्ति की वृद्धि के लिये गेरंटी दे सकती हो। ग्रंथकर्ता ने इस छोटी सी पुस्तक में अपने स्वयं अनुभूत प्रयोग देकर इस गहन विषय को अत्यन्त ही सरल यना दिया है। भापाशैली भी इतनी सरल है कि भाबाल वृद्ध सभी इससे एकसा छाम उठा सकते हैं। अाज ही मंगाकर पढ़िये। डाक खर्च-एक पाना : पृष्ट संख्या २४ मूल्य एक आना

Loading...

Page Navigation
1 ... 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547