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समाचारी
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टिप्पणी- इस प्रकार रात्रि प्रतिक्रमण के ६ आवश्यक ( विभागों ) की क्रिया पूर्ण हुई ।
( २३ ) इस प्रकार दस प्रकार की समाचारी का वर्णन संक्षेप में किया है जिनका पालन कर बहुत से जीव इस भवसागर को पार कर गये हैं ।
टिप्पणी-- भसावधानता विकास ( उन्नति ) को रोकनेवाली है । चाहे जैसी भी सुन्दर क्रिया क्यों न हो किन्तु अव्यवस्थित हो तो उसकी कुछ भी कीमत नहीं है । व्यवस्था और सावधानता इन दोनों गुणों से मानसिक संकल्प का वज्रं बढ़ता है । संकल्पबल बढ़ने से संकटों तथा विघ्नां के बल परास्त होते हैं और अन्त में लक्ष्यसिद्धि होती है ।
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ऐसा मैं कहता हूँ
- इस तरह “समाचारी" सम्बन्धी छब्बीसवां अध्ययन समाप्त हुआ ।